मुंबई, 14 नवंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने शिवसेना नेताओं उद्धव ठाकरे और संजय राउत के साथ-साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के एक पदाधिकारी के खिलाफ जांच के अनुरोध वाली उन तीन जनहित याचिकाओं (पीआईएल) को सोमवार को खारिज कर दिया, जो एक ही व्यक्ति ने दायर की थीं।

अदालत ने याचिकाओं को ‘‘राजनीति से प्रेरित और लोकप्रियता पाने का प्रयास’’ करार दिया।

न्यायमूर्ति एस.वी. गंगारपुरवाला और न्यायमूर्ति एस.जी. दिगे की खंडपीठ ने जिन तीन याचिकाओं को खारिज किया, उनमें से एक में राकांपा नेता अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज मामले के मद्देनजर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ जांच का अनुरोध किया गया था।

वहीं, दूसरी याचिका में शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत के खिलाफ कोविड-19 केंद्रों में मरीजों के आंकड़ों में गड़बड़ी में उनकी कथित भूमिका के लिए जांच का अनुरोध किया गया था।

तीसरी जनहित याचिका में एक राकांपा कार्यकर्ता के खिलाफ ऐसे बयान देने के लिए जांच का अनुरोध किया गया था, जो कथित तौर पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ सकते थे।

पीठ सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले हेमंत पाटिल नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिकाओं की संख्या से नाखुशी जताई।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ याचिकाएं राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं और इनमें जनहित जैसा कोई तथ्य नहीं है। ये लोकप्रियता पाने के प्रयास वाली याचिकाएं हैं।’’