ठाणे : ‘बालासाहेबची शिवसेना’ पार्टी ने उद्धव ठाकरे नीत गुट के समर्थन में कथित तौर पर दिए गए ‘‘फर्जी’’ हलफनामा के मामले की जांच अपराध जांच विभाग (सीआईडी) या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग करते हुए बुधवार को कहा कि यह ‘‘धोखाधड़ी’’ दूसरे तेलगी फर्जी स्टैंप पेपर घोटाले की तरह है।

मुंबई पुलिस ने हाल में ठाकरे नीत शिवसेना गुट के समर्थन में तैयार 4,500 से अधिक हलफनामे बरामद होने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज किया था। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना अब ‘‘शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ पार्टी के नाम से जानी जाती है।

शिंदे गुट के प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने बुधवार को आरोप लगाया कि इसी तरह के ‘फर्जी’ हलफनामे राज्य के अन्य जिलों में भी बनाए गए।

उन्होंने कहा, ‘‘वृहद पैमाने पर तैयार इन फर्जी हलफनामों के मामले की जांच महाराष्ट्र सीआईडी या सीबीआई को सौंपनी चाहिए और विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की जानी चाहिए। म्हास्के ने आरोप लगाया कि ‘‘इन फर्जी हलफनामों को तैयार करने के लिए 10 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था।’’

उन्होंने दावा किया कि ऐसे कई हलफनामे निर्वाचन आयोग में भी जमा कराए गए और उनकी भी जांच की जानी चाहिए। म्हास्के ने आरोप लगाया कि इन हलफनामों को बनाने वाले फरार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ इन फर्जी हलफनामों को मतदाता सूची की मदद से तैयार किया गया।’’

उल्लेखनीय है कि म्हास्के ही थे जिन्होंने वीडियो संदेश जारी कर दावा किया था कि मुंबई पुलिस ने 4862 ‘फर्जी’ हलफनामा बरामद किये हैं और एक शिकायत के आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।

ठाणे के पूर्व महापौर ने यह भी दावा किया कि मूल शिवसेना के 80 प्रतिशत निर्वाचित प्रतिनिधि एकनाथ शिंदे गुट का समर्थन कर रहे हैं।