शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की 97वीं जयंती के मौके पर पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गुट उनकी असली विरासत को आगे ले जाने का दावा करते दिखे और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मुंबई में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए तथा एक दूसरे पर निशाना साधा।.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘लोकतंत्र की एक परिभाषा है (शासन) ‘‘लोगों द्वारा, लोगों के लिए’’। बालासाहेब अकेले ऐसे नेता थे जिन्होंने इसका अभ्यास किया। पहले मुट्ठी भर राजनीतिक परिवार थे जो राज्य की राजनीति को नियंत्रित करते थे। इस तस्वीर को बालासाहेब ने बदल दिया था।’