जयपुर,: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) कम नहीं किये जाने को मुख्यमंत्री की हठधर्मिता बताते हुए उसकी आलोचना की है।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री की इस हठधर्मिता की आलोचना करता हूं। जब देश के 22 राज्य जनता के लिये अपना वैट कम सकते हैं और केन्द्र ने भी अपना उत्पाद शुल्क घटाया है तो राजस्थान के मुख्यमंत्री का भी यह धर्म बनता है कि राजस्थान जहां देश में सबसे अधिक वैट है, उसको घटाये जिससे राज्य के उपभोक्ता को राहत मिले।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नहीं तो भाजपा को अब सड़कों पर आकर अन्य राज्यों की तरह वैट घटाने के लिये राजस्थान को मजबूर करना पड़ेगा।’’

वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी इस मुद्दे पर राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने शासन में आने के बाद पेट्रोल पर 12 प्रतिशत और डीजल पर 10 प्रतिशत वैट बढ़ाया है और अब ये कह रहे हैं कि सरकार को 1800 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

राठौड़ ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि राज्य में पेट्रोल पर 36 प्रतिशत और डीजल पर 26 प्रतिशत जो वैट है वह मुल्क में सबसे ज्यादा है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान के पड़ोसी राज्यों विशेषकर पंजाब और हरियाणा से कीमतों में पेट्रोल में 20 रुपये डीजल में 22 रुपये का फर्क है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उस कांग्रेस सरकार की अगुवाई कर रहे है जिन्होंने जन घोषणा पत्र में पेट्रोल/डीजल को जीएसटी के दायरे मे लाने के लिये विधानसभा में संकल्प पारित करके जीएसटी काउंसिल में भेजने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि अब तक जीएसटी काउंसिल की 14 बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन एक भी बैठक में राजस्थान के प्रतिनिधि ने यह बात नहीं की।