कोलकाता, 15 मार्च (हि.स.)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने दाड़ीभिट में फायरिंग में एक छात्र की मौत के मामले में अदालत की अवमानना का नियम जारी किया है। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और एडीजी सीआईडी को तलब किया है। कोर्ट ने सवाल उठाया कि 10 महीने बाद भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच के दस्तावेज क्यों नहीं दिए गए।



सितंबर 2018 में, उत्तरी दिनाजपुर के इस्लामपुर में दाड़ीभिट हाई स्कूल शिक्षक भर्ती को लेकर हंगामे के बाद राजेश सरकार और तापस बर्मन नाम के दो पूर्व छात्रों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। स्थानीय लोगों ने पुलिस पर फायरिंग का आरोप लगाया है। हालांकि पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सबसे पहले घटना की सीआईडी जांच का आदेश दिया। हालांकि, पिछले साल 10 मई को जस्टिस राजशेखर मंथा ने उस मामले में एनआईए जांच का आदेश दिया था। साथ ही जज ने प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद देने को भी कहा था।



आरोप है कि 10 माह बाद भी हाईकोर्ट के आदेश पर अमल नहीं किया गया है। इसी को लेकर कोर्ट के आदेश के मुताबिक पांच अप्रैल को राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और एडीजी सीआईडी को कोर्ट में पेश होकर बताना होगा कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश/गंगा