देहरादून, 04 मार्च (हि.स.)। धामी सरकार ने प्रदेश में उपद्रव फैलाने वालों पर शिकंजा कसने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। दंगा और अशांति फैलाने के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की वसूली नुकसान पहुंचाने वालों से की जाएगी। इसके लिए एक क्लेम ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।

सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस दौरान मंत्रिमंडल दंगों और अशांति फैलाने के मामलों में सख्ती से रोक लगाने के उद्देश्य से इससे संबंधित कानून बनाने पर अपनी मुहर लगा दी है। हड़ताल, बंद, उपद्रव फैलाने अथवा विरोध प्रदर्शन आदि के दौरान प्रदर्शनकारी सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे सरकारी और निजी संपत्तियों को भी नुकसान होता है। इसकी क्षतिपूर्ति के लिए अब तक उत्तराखंड में कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। दंगे करने और अशांति फैलाने वालों पर उत्तराखंड सरकार अब सख्ती से पेश आएगी।

इसके तहत सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर मुकदमा दर्ज होने की स्थिति में सर्किल ऑफिसर अपनी रिपोर्ट संबंधित जिलाधिकारी को प्रेषित करेंगे। जिलाधिकारी की ओर से गठित क्लेम ट्रिब्यूनल, कोर्ट कमिश्नर के माध्यम से नुकसान का आंकलन करेगा, जिसके बाद इस कानून के अंतर्गत संबंधित व्यक्ति से वसूली की जाएगी।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि "प्रदेश की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और एक ऐसी नजीर बनाएंगे, जिससे देवभूमि की पवित्र भूमि को कलंकित करने वाले दंगाइयों की पीढियां भी वर्षों तक याद रखेंगी।" दंगों के दौरान होने वाले सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की क्षतिपूर्ति दंगाइयों से ही की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश