देहरादून, 29 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव के लिए उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। ऐसे में उत्तराखंड में मतदान के दिन 19 अप्रैल को सवेतन अवकाश घोषित किया गया है। इससे अधिक से अधिक मतदान करने का अवसर मिलेगा और श्रमिक भी लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभाएंगे। प्रत्येक व्यक्ति चुनाव में मतदान का हकदार है। अवकाश मंजूर किए जाने के कारण ऐसे किसी व्यक्ति की मजदूरी में कोई कटौती नहीं होगी।

लोकसभा चुनाव में कोई भी वर्ग किसी भी कारण से मतदान से वंचित न हो, इसके लिए भी व्यवस्था बनाई गई है। प्राइवेट, ठेका मजदूरी सहित अन्य स्थानों पर काम करने वाले श्रमिकों को मतदान वाले दिन बिना वेतन कटौती के एक दिन की छुट्टी देनी होगी। उत्तराखंड के सभी निजी क्षेत्र के उपक्रम, संस्था, कारोबारी, व्यवसाय औद्योगिक उपक्रम, ठेका मजदूर सहित स्थापन में काम करने वालों को सवेतन छुट्टी मिलेगी।

उत्तराखंड शासन की सचिव आर मिनाक्षी सुंदरम ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मंडलायुक्त समेत सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर मतदान वाले दिन 19 अप्रैल को सवेतन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। सभी उद्योगों में संगठन को निर्देश भी दिए हैं कि वह मतदान के लिए सभी कर्मचारियों को संवैधानिक अवकाश दें, जिससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में मजदूर बाहर निकलकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें।

मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कवायद

ठेका मजदूरी और निजी संस्थाओं में काम करने वाले बहुत से मतदाता वेतन कटने के डर से चुनाव में मतदान करने से वंचित रह जाते हैं। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के साथ उन्हें भी मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी किया है कि चुनाव दौरान शत-प्रतिशत मतदान के लिए यह कवायद की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/सत्यवान/वीरेन्द्र