देहरादून, 5 अप्रैल (हि.स.)। निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव में 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं को डाकमत पत्र से घर से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। इस क्रम में उत्तराखंड में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के ऐसे मतदाताओं से मतदान कराने के लिए प्रथम चरण में पांच और छह अप्रैल को निर्वाचन कर्मचारियों के दल घर-घर जाएंगे।

जिला निर्वाचन अधिकारी सोनिका ने कहा कि उम्मीदवारों और राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों को 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं से घर-घर जाकर मतदान कराने के लिए विधानसभावार गठित मतदान दलों के रूट चार्ट और मतदान की समूची प्रक्रिया की जानकारी पहले ही दी गई है। घर से डाकमत पत्र से मतदान करने फार्म 12-डी में सहमति देने वाले 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं को भी मतदान के कार्यक्रम की सूचना दी जा चुकी है। इस दौरान उनसे घर पर ही मौजूद रहने का आग्रह किया गया है।

घर-घर जाकर मतदान कराने के लिए गठित प्रत्येक मतदान दल में पीठासीन अधिकारी और एक मतदान अधिकारी क्रमांक एक शामिल है। इसके अलावा प्रत्येक दल में एक माइक्रो आब्जर्वर, सुरक्षा कर्मी और वीडियोग्राफर भी तैनात है। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार भी मतदान दलों के साथ अपना मतदान अभिकर्ता नियुक्त कर सकेंगे। घर से मतदान कराने की इस समूची प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी।

घर से डाकमत पत्र से मतदान की सहमति देने वाले 85 वर्ष से अधिक की आयु और दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्र पर जाकर मतदान करने की अनुमति नहीं होगी। यदि वे पहले चरण में मतदान दल के भ्रमण के दौरान किसी कारण से घर में उपलब्ध नहीं होंगे तो दूसरे चरण में आठ और नौ अप्रैल को मतदान कराने एक बार फिर मतदान दल उनके घर पहुंचेगा। इसकी बाकायदा घर में मौजूद परिवार के सदस्यों की सूचना दी जाएगी। दूसरे चरण में भी घर से अनुपस्थित रहने पर ऐसे मतदाताओं को मतदान की सुविधा नहीं दी जाएगी। वे मतदान के दिन मतदान केंद्र पर जाकर भी अपना वोट नहीं डाल सकेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/सत्यवान/दधिबल