स्वतंत्र भारत के इतिहास में 28 मई की तिथी एक गौरवशाली दिन के रूप में दर्ज़ होने जा रही है। इस दिन प्रधानमंत्री मोदी भारत के लोकतंत्र की प्रतीक भारत वासियों को नई संसद भेंट करेंगे।

इस ऐतिहासिक अवसर को गरिमामय और गौरवशाली बनाने की बजाए, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों द्वारा जिस तरह की बयानबाजी हो रही है वह अत्यंत दुखद, गैर जिम्मेदाराना और लोकतंत्र को कमज़ोर करने वाला है: 19 राजनीतिक दलों द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम को बहिष्कार किए जाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुझे नहीं लगता कि यह देश इस तरह की बयानबाजी को स्वीकार करेगा। विपक्ष द्वारा इस तरह की बयानबाजी अशोभनीय है। ऐसा नहीं है कि पहली बार प्रधानमंत्री इस प्रकार के उद्घाटन के साक्षी बन रहे हैं।

इससे पहले संसद उपभवन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया जा चुका है। संसद पुस्तकालय का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा रखी गई थी। ऐसे कई उधाहरण हैं। हम अपील करेंगे कि सभी दलों को इस पल का साक्षी बनना चाहिए: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ