पंचमी को होंगे कालीपीठ में स्थित मां धूमावती के दर्शन

6 maah me kewal ek baar hi hote hain dhumaavati ke darshn


नैमिषारण्य के कालीपीठ में स्थित है मां का दरबार



सीतापुर,12 अप्रैल (हि.स.)। 88 हजार ऋषियों की तपोस्थली नैमिषारण्य में स्थिति काली पीठ में स्थापित माता धूमावती के दर्शन देवी भक्तों को इस बार चैत्र नवरात्र की पंचमी को प्राप्त होंगे। देवी भक्तों को मां धूमावती के दर्शन-पूजन करने का सौभाग्य नवरात्र के शनिवार को ही मिलता है। नवरात्र के शनिवार के अलावा अन्य दिनों में मां धूमावती का दर्शन व पूजन नहीं किया जाता है। जिले में नैमिषारण स्थित कालीपीठ में मां धूमावती का दरबार स्थापित है।

कालीपीठ मंदिर के पीठाधीश्वर एवं ललिता देवी मंदिर के प्रधान पुजारी गोपाल शास्त्री ने बताया कि भक्तों के लिए कालीपीठ और मां धूमावती का दरबार शनिवार 13 अप्रैल को खुला रहेगा। माता का श्रंगार, दर्शन, पूजन, आरती, हवन आदि परंपरानुसार होंगे। उन्होंने बताया कि इस दिन की प्रतीक्षा सभी श्रद्धालुओं को रहती है। दस महाविद्या उग्र देवी धूमावती देवी का स्वरूप विधवा का है। कौवा इनका वाहन है, वह श्वेत वस्त्र धारण किए हुए हैं। खुले केश उनके रूप को और भी भयंकर बना देते हैं। संभवत: इसी कारण से इनका प्रतिदिन दर्शन करने की परंपरा नहीं है। उन्होंने बताया कि मां का स्वरूप कितना ही उग्र क्यों न हो संतान के लिए वह हमेशा ही कल्याणकारी होता है।

मां धूमावती के दर्शन-पूजन से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। नवरात्र के शनिवार को काले कपडे़ में काले तिल मां के चरणों में भेंट कर उनसे मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए आराधना की जाती है। पीठाधीश्वर गोपाल शास्त्री ने हिंदुस्थान समाचार से बताया कि परंपरा है कि सुहागिनें मां धूमावती की मूर्ति का स्पर्श नहीं करती हैं। वह केवल दूर से ही मां के दर्शन कर सकती हैं। मां धूमावती के दर्शन से सुहागिनों का सुहाग अमर हो जाता है। पुत्र और पति की रक्षा के लिए इनके दर्शन अवश्य करने चाहिए। उन्होंने बताया कि मां धूमावती का ये स्वरूप श्री पीतांबरा पीठ दतिया (मध्य प्रदेश) या फिर नैमिषारण्य के कालीपीठ संस्थान में ही है।

कालीपीठ मंदिर के संचालक और महन्त पुजारी भाष्कर शास्त्री ने बताया कि प्रसिद्ध दक्षिण मुखी कालीपीठ मंदिर में इस बार चैत्र नवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजन एवं अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है, नवरात्रि के दौरान मां काली की विशेष आराधना, कलश स्थापना के साथ ही रामचरित मानस पाठ व दुर्गाशप्तसती के पाठ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। उन्होनें बताया कि इस बार अयोध्या में राम लला का भव्य मंदिर में जन्मोत्सव मनाया जा रहा है इस लिए श्रीरामचरित मानस का विशेष पाठ भी किया जायेगा वैसे प्रत्येक नवरात्रि में यहां मानस पाठ समेत विभिन्न देवी अनुष्ठान आयोजित किये जाते हैं।



कई राज्यो के देवी भक्तों का इस दिन होता है कालीपीठ में आगमन

हिंदुस्थान समाचार से बातचीत में पीठ के संचालक गोपाल शास्त्री ने बताया की नवरात्रि में माता ललिता के दर्शन पूजन के लिए देश के कई राज्यो से लोगो व भक्तों का आवागमन रहता है, शनिवार को माता धूमावती के दर्शन पूजन के लिए गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, बिहार व अन्य कई राज्यों से भक्तों का आने का क्रम रहता है, दूर के भक्त एक दिन पूर्व ही नैमिषारण्य में विश्राम कर सुबह माता धूमावती के दर्शन व पूजन करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ महेश शर्मा/सीतापुर/बृजनंदन