मां विंध्यवासिनी का ब्रह्मचारिणी स्वरूप देख निहाल हुए भक्त

Devotees were delighted to see the Brahmacharini form of


- निखरी विंध्यधाम की रौनक, त्रिकोण पथ गुलजार

- चैत्र नवरात्र के दूसरे श्रद्धालुओं ने विध्य दरबार में नवाया शीश

मीरजापुर, 10 मार्च (हि.स.)। आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी धाम में चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार की भोर से ही ब्रह्मचारिणी स्वरूप के दर्शन को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। हर कोई मां की झलक पाने को लालायित दिखा। मां विंध्यवासिनी के भव्य-दिव्य स्वरूप का दर्शन कर भक्त निहाल हो उठे।

मंगला आरती के बाद विध्यधाम एक बार फिर घंटा-घड़ियाल के बीच या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः, ब्रह्मचारिणीः हीं श्री अम्बिकायै नमः मंत्र से गूंज उठा। नारियल, चुनरी, माला-फूल व प्रसाद के साथ कतारबद्ध श्रद्धालु मां की भक्ति में लीन दिखे। मां विंध्यवासिनी का भव्य श्रृंगार किया गया था। मंदिर भी तरह फूलों व रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया था, जो अलौकिक छटा बिखेर रहा था। कोई झांकी तो कोई गर्भगृह से मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन कर मंगलकामना किया। श्रद्धालुओं ने मां की आरती भी की। मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के बाद मंदिर परिसर पर विराजमान समस्त देवी-देवताओं के चरणों में शीश झुकाया। इसके बाद विंध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा व मां काली के दर्शन को पैदल निकल पड़े। मां अष्टभुजा व मां काली का दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं ने मंदिर के पास रेलिंग पर चुनरी बांध मन्नतें मांगी। इसके बाद शिवपुर स्थित तारा मंदिर के दर्शन को निकल पड़े। मां तारा मंदिर पहुंच पूजन-अर्चन किया। भक्तों ने त्रिकोण परिक्रमा कर सुख-समृद्धि की कामना की।



रोशनी की चका-चौंध से आकर्षित कर रहीं दुकानें

चैत्र नवरात्र मेला के दृष्टिगत दूर-दराज से आने वाले भक्त विध्यधाम डेरा जमा चुके थे। इससे विंध्याचल के सभी होटल फुल हैं। वहीं माला-फूल, नारियल, चुनरी, गमछा, प्रसाद, खिलौना व सौंदर्य प्रसाधन के दुकान भी सज चुकी हैं। रोशनी की चकाचौंध से दुकानें दर्शनार्थियों आकर्षित कर रही हैं।



रोप-वे से भरी उड़ान, कराया प्राकृतिक सौंदर्य का अहसास विंध्य पर्वत पर बना पूर्वांचल का पहला रोप-वे पर्यटकों के लिए आकर्षक का केंद्र है। हर कोई रोप-वे की सवारी कर रोमांच करना चाहा। 265 फीट की ऊंचाई से रोप-वे ने विंध्य-गंगा और प्राकृतिक सौंदर्य का अहसास कराया। बच्चे, युवा, युवतियां व महिला-पुरूष रोप-वे का खूब आनंद उठाए।



गंगा घाटों पर भी भीड़, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

गंगा घाटों पर भी स्नानार्थियों की भीड़ दिखी। वापस लौटते समय श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में जरूरत के सामानों की जमकर खरीदारी की। वहीं बच्चे भी माता-पिता से जिद कर मन-पसंद खिलौने खरीदे। विध्य पर्वत से घाट तक सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद हैं। सीसीटीवी कैमरा से मेला क्षेत्र की निगहबानी की जा रही है। जगह-जगह पुलिसककर्मी लगाए गए हैं। वहीं श्रीविंध्य पंडा समाज भी भक्तों की सेवा में जुटा है।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित