आईआईटी खड़गपुर के प्रवक्ता ने कहा कि संस्थान ने भारत मौसम विज्ञान विभाग के साथ मिलकर किसानों को विभिन्न मौसमी परिस्थितियों में उत्पादन बढ़ाने के लिये कृषि-परामर्श देना भी शुरू कर दिया है।

अधिकारी ने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा प्रायोजित दो परियोजनाएं- ‘ग्रामीण कृषि मौसम सेवा’ और ‘अंतरिक्ष, कृषिमौसम विज्ञान और भू-आधारित पर्यवेक्षण का इस्तेमाल कर कृषि उत्पादन पूर्वानुमान लगाना’ – किसानों को आर्थिक फायदा दिलाने के लिये उन्हें मौसम संबंधी जानकारी उपलब्ध कराती हैं।

संस्थान के कृषि एवं खाद्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर दिलीप कुमार स्वैन ने कहा, “कृषि पूर्वानुमान में फसल चयन, बुवाई का समय, जमीन को तैयार करने, और अपज आदि की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। यह भविष्य के मौसम और खास जगह पर जमीन के चरित्र पर आधारित है।”

किसानों को खाद, सिंचाई, कीटनाशक देने के बारे में हर फसल चक्र में प्रत्येक हफ्ते जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।

उन्होंने कहा, “पांच दिन के मौसम पूर्वानुमान पर आधारित कृषि परामर्श हर हफ्ते मंगलवार और शुक्रवार को तैयार कर किसानों के मोबाइल फोन पर भेजा जाता है।”

यह परामर्श अभी बंगाली में पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा, बीरभूम और पुरुलिया जिलों के करीब तीन लाख किसानों को भेजा जा रहा है।