मुंबई, 05 अप्रैल (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एक अप्रैल से शुरू हुए चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के अनुमान को सात फीसदी पर बरकरार रखा है। हालांकि, यह वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 7.6 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान से कम है।



आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को यहां चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी। दास ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद की वास्तविक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में सात फीसदी रहने का अनुमान है।



उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर सात फीसदी रहने, सितंबर तिमाही में 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी और चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था के सात फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।



आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण मांग गति पकड़ रही है, विनिर्माण क्षेत्र में निरंतर वृद्धि से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक व्यापार मार्ग में व्यवधान से कुछ दिक्कतें आ सकती हैं।



आरबीआई ने फरवरी महीने में वित्त वर्ष 2023-24 की आखिरी मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान जताया था। गौरतलब है कि इस हफ्ते की शुरुआत में एक अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरबीआई की 90वीं स्थापना दिवस के अवसर पर कहा था कि रिजर्व बैंक को वृद्धि को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ देते हुए भरोसे और स्थिरता पर ध्यान देना चाहिए।



हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/दधिबल