नागपुर, 05 अप्रैल (हि.स.)। मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने शुक्रवार को अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली की समय से पूर्व रिहाई का आदेश दिया है। नागपुर खंडपीठ ने जेल प्रबंधन को इस मामले में जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है। मुंबई के शिवसेना निगम पार्षद कमलाकर जामसंडेकर की हत्या के मामले में अरुण गवली को 2 आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। फिलहाल गवली नागपुर कारागार में अपनी सजा काट रहा है।



अरुण गवली ने 2006 के सरकारी फैसले के आधार पर सजा से छूट की मांग की थी। गैंगस्टर अरुण गवली की याचिका पर मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में सुनवाई पूरी हो गई थी लेकिन कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए अरुण गवली को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया है। हालांकि, जेल प्रशासन को इस संबंध में जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय भी दिया गया है। इस मामले में अब जेल प्रबंधन क्या फैसला लेगा? इस ओर सब कि निगाहें लगीं हैं। गवली को मुंबई के शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसंडेकर की हत्या मामले के साथ-साथ अन्य अपराधों के लिए 2 बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल अरुण गवली आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।



अरुण गवली की ओर से मामले की पैरवी करने वाले मिर नगमान अली ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने 2006 में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें कहा गया है कि यदि कोई सजायाफ्ता कैदी अपनी आयु के 65 वर्ष पूरे कर चुका है। साथ ही अगर वह कैदी शारीरिक रूप से कमजोर हो चुका हो तो उसे सजा पूरी होने से पहले रिहा करने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि अरुण गवली की आयु 69 वर्ष है और वह 16 वर्षों से जेल में है। अरुण गवली के मामले में महाराष्ट्र सरकार की अधिसूचना की दोनों शर्तें पूरी होती हैं। इसी के चलते हाई कोर्ट ने गवली की रिहाई का फैसला लिया है।



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