इंदौर में बना 52वां ग्रीन कॉरिडोर, ब्रेनडेथ महिला के अंगों से तीन लोगों को मिली नई जिंदगी

52nd Green Corridor built in Indore


इंदौर, 27 फरवरी (हि.स.)। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अंगदान के मामले में भी पीछे नहीं है। यहां मंगलवार को एक बार फिर ग्रीन कॉरिडोर बना। ब्रेन हेमरेज के कारण मृत महिला की किडनी और लीवर दूसरों के काम आया। दो अस्पतालों तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अंगों को प्रत्यारोपण के लिए पहुंचाया गया। बेनडेथ महिला के अंगों से तीन लोगों को नई जिंदगी मिली। शहर में बना यह 52वां ग्रीन कॉरिडोर था।







इंदौर के व्यंकटेश नगर निवासी वैशाली पत्नी प्रदीप पारीख ब्रेन हेमरेज के बाद निजी अस्पताल में भर्ती थी। मंगलवार सुबह चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेनडेथ घोषित कर दिया। वैशाली के परिजनों ने अंगदान की इच्छा जताई। डॉ. निखिलेश जैन की अगुवाई में चार चिकित्सक दलों की ब्रेनडेथ सर्टिफिकेशन कमेटी ने रोगी का ब्रेन डेथ प्रमाणित किया। इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने परीक्षण किया और पाया कि किडनी और लीवर का ट्रांसप्लांट हो सकता है।







इसके बाद मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी और संदीपन आर्य ने कमान संभाली। ग्रीन कॉरिडोर के लिए व्यवस्थाएं शुरू की। वैशाली की एक किडनी मेदांता अस्पताल में एक महिला रोगी को ट्रांसप्लांट किया गया, जबकि दूसरी किडनी शैल्बी अस्पताल में उपचाररत रोगी के काम आई। लीवर चोइथराम अस्पताल में भर्ती रोगी के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया।







वैशाली के अंगों को एक एम्बुलैंस में ले जाया गया। जब डॉक्टरों की टीम विशेष बक्से में अंगों को ले जा रही थी, तो वैशाली के परिजन भावुक हो गए और उन्होंने बक्से को भीगी पलकों के साथ विदाई दी। वे गायत्री मंत्र का जाप भी कर रहे थे। ग्रीन कॉरिडोर के लिए ट्रैफिक विभाग ने बीआरटीएस पर एम्बुलैंस निकलने के दौरान ट्रैफिक रोक दिया था, ताकि अंग कम समय में अस्पताल तक पहुंच सके।







उल्लेखनीय है कि इंदौर अंगदान के मामले में देश में पहले स्थान है। में भी नबंर वन है। छह साल पहले यहां पहला ग्रीन कॉरिडोर बना था। इसके बाद अंगदान के प्रति लोगों में जागरुकता आई और इंदौर में लगातार अंगदान होने लगे। अंगदान के बाद इंदौर से अंग वायु मार्ग से चेन्नई,मुबंई और दिल्ली तक पहुंचाए जा चुके है। इंदौर में मंगलवार को 52वां ग्रीन कॉरिडोर बना।







हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश