गोड्डा (झारखंड),: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पृथक झारखंड राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ी गई, अनेक लोगों ने इस आंदोलन में अपनी आहुति दी तब जाकर यह सपना पूरा हुआ और ऐसे में यदि कोई यहां के खतियान का विरोध करता है तो वह न सिर्फ राज्य का विरोधी है बल्कि उन विभूतियों का भी अपमान करता है जिन्होंने पृथक राज्य के लिए अपनी आहुति दी है।

मुख्यमंत्री सोरेन स्थानीय गांधी मैदान में आयोजित खतियान जोहार यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य के गठन के बाद इसकी बागडोर ऐसे लोगों के हाथों में रही जिन्होंने सिर्फ गंदगी फैलाने का काम किया। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने उस कचरे को साफ करने का उन्हें मौका दिया है और वह लगातार राज्य में फैली गंदगी को साफ कर उसे बेहतर और उज्जवल झारखंड बनाने की दिशा में प्रयत्नशील हैं।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘केन्द्र सरकार झारखंड के साथ हमेशा से सौतेला व्यवहार करती रही है। भाजपा शासित प्रदेशों में लाखों-करोड़ों रुपए बिजली बिल बकाया है लेकिन वहां बिजली काटी नहीं जाती। लेकिन झारखंड पर 100-200 करोड़ रुपए कर्ज होने के बाद भी केंद्र सरकार यहां की बिजली काटती है।’’ उन्होंने कहा कि पैसा भुगतान होने के बाद भी झारखंड को अनाज नहीं मिलता इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा?