रामनवमी पर महावीरी झंडे से पटा गिरिडीह, राम भक्तों में उत्साह, सुरक्षा के विशेष इंतजाम

preparations for ram navami completed in GRD


गिरिडीह , 16 अप्रैल ( हि.स.) । जिले में रामनवमी को लेकर शहरी और ग्रामीण इलाके महावीरी झंडा से पट गये हैं। जगह-जगह पर पूजा की तैयारी पूरी हो चुकी है। रामभक्तों में रामनवमी को लेकर उत्साह है। विभिन्न मंदिरों में भव्य तैयारी की गयी है। पूरे बाजारों में केसरिया झंडे ही दिखाई दे रहा है। बड़े झंडों को खरीदने के लिए बाजार में चहल-पहल है। रामनवमी के मौके पर निकालने वाली झांकियां और अखाड़ा में भीड़ नियंत्रण करने की भी पूरी व्यवस्था पूजा समितियों ने की है। इधर, रामनवमी को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पुलिस पूरी तरह से सतर्क है।

अखाड़ा और जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो इसे लेकर शहर के अलग-अलग चौक-चौराहों पर विभिन्न संगठन स्टॉल लगाए गए हैं। स्टॉल पर लोगों के लिए शुद्ध पेयजल व शरबत की व्यवस्था की जायेगी। शहरी क्षेत्र में पुलिस ने 41 प्वांइट को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील के रूप में चिह्नित किया है। यहां पर पुलिस की विशेष टीम को तैनात रहेगी। इसके अलावा शहर के पदम चौक और बड़ा चौक में तीन वॉच टावर बनाये गए हैं, जहां सीसीटीवी कैमरा, वीडियोग्राफी व ड्रोन कैमरे से पूरे इलाके में नजर रखी जायेगी। पूरे शहरी क्षेत्र में लाइटिंग की व्यवस्था दुरूस्त करायी गयी है।

गिरिडीह में रामनवमी का काफी इतिहास 145 साल से भी अधिक पुराना है। यहां की झांकी और अखाड़ा देखने के लिए ना सिर्फ गिरिडीह शहरी क्षेत्र बल्कि अलग-अलग प्रखंडों व दूसरे शहरों से लोग पहुंचते हैं। पूर्व में पहले जहां ढाक के साथ जुलूस निकलता था, बाद में ढाक का स्थान ताशा पार्टी ने लिया और अब डीजे रामनवमी की पहचान बन गयी है। रामनवमी से यहां के लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है। यही कारण है कि दूसरे प्रदेश में रहने वाले लोग रामनवमी के मौके पर गिरिडीह पहुंचते हैं।

प्राचीन कुटिया मंदिर का इतिहास काफी गौरवशाली है। राज्य का यह पहला मंदिर है,जहां हनुमान जी की दो मंदिर है। नागा साधुओं ने पहाड़ के नीचे एक मंदिर बननाया. मंदिर बनने के बाद लोगों ने इंजीनियर व पहलवानों को बुलाकर हनुमान जी की प्रतिमा को उठा कर मंदिर निर्माण करने का प्रयास किया लेकिन हनुमान जी की प्रतिमा को कोई हिला तक नहीं सका। इसके बाद लोग पहाड़ के नीचे स्थित कुटिया में जाकर हनुमान की का दर्शन करते थे। बाद में नीचे में भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया। इसके बाद ऊपर में एक और नया हनुमान मंदिर बना। पूरे झारखंड में यह पहला हनुमान जी का मंदिर है, जहां हनुमान जी की दो-दो प्रतिमाएं हैं।

मकतपुर बजरंग सेवा समिति 80 वर्षों से निकाल रही झांकी

मकतपुर बजरंग सेवा समिति 80 वर्षों से झांकी निकाल रही है। एक तरफ रामभक्त अस्त्र-शस्त्र के साथ प्रदर्शन करते दिखते हैं, वहीं दूसरी तरफ के मकतपुर बजरंग सेवा समिति की झांकी को देखने के लिए लोग शहर के विभिन्न चौक-चौराहों में जमा होते हैं। झांकी देखने के लिए सभी धर्म के लोगों का जुटान होता है। समिति समेत जिला मुख्यालय के तीन दर्जन से अधिक अखाड़ा समितियों के साथ झांकी और अखाड़ा लेकर निकलती है।

झांकियां काफी आकर्षक और भव्य होंगी

समिति के लाइसेंसी दीपक शर्मा ने बताया कि 80 वर्ष पूर्व मकतपुर के मदन लाल शर्मा ने इसकी शुरुआत की थी। इसके बाद समिति में मुहल्ले के कई युवाओं ने योगदान देना शुरू किया, जो अब इस पंरपरागत विरासत को पूरे उत्साह के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। रामनवमी के मौके पर इस बार अलग से बग्घी मंगायी गयी है, इस बार की झांकी काफी आकर्षक और भव्य रहेगी।

जिले में रामनवमी के मौके पर अरवाडा जुलूस अहले सुबह एवं शाम में निकाली जाती है। परम्परा के अनुसार जिला मुख्यालय के आस पास क्षेत्रो से 50 से अधिक अखाडा जुलूस महाबीरी झंडों के साथ निकाली जाती है। जिसका समागम मुख्य बड़ा चौक में होता है। बड़ा चौक पर विश्व हिन्दुपरिषद -बजरंग दल द्वारा अखाडा उस्तादो एवं गण्य माण्या लोगों को सम्मानित किया जाता है। इस दौरान ऐतिहसिक , सामाजिक एवं धार्मिक कथाओं पर आधारित आकर्षक झांकिया निकाली जाती है। लोग इस बार की रामनवमी को लेकर काफी उत्सुक हैं ।

इस बीच उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने सौहार्दपूर्ण माहौल में रामनवमी पर्व मनाये जाने को लेकर बुधवार को संयुक्त आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार जुलूसों में लाउडस्पीकर, डीजे एवं अन्य ध्वनि विस्तारकों का इस्तेमाल पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया गया है। संयुक्त आदेश में स्पष्ट है कि अखाड़ा, जुलूस एवं अन्य आयोजनों में डीजे का प्रयोग नहीं किया जाय।रात दस बजे सुबह छह बजे तक ध्वनि विस्तारकों का प्रयोग नहीं किया जाय।



हिनुस्थान समाचार / कमलनयन