रांची, 19 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को एक बड़ा झटका लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सीता ने झामुमो के अध्यक्ष और अपने ससुर को एक पत्र लंबा पत्र लिखा है।

जानकारी के मुताबिक चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री न बनाये जाने से जामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक सीता सोरेन नाराज चल रही हैं। सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन ने झामुमो के अध्यक्ष और अपने ससुर शिबू सोरेन (गुरुजी) को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में आदरणीय संबोधन के साथ लिखा कि मैं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की केंद्रीय महासचिव एवं विधायक हूं। आपके समक्ष अत्यन्त दुःखी हृदय के साथ अपना इस्तीफा प्रस्तुत कर रही हूं। मेरे स्वर्गीय पति दुर्गा सोरेन, जो कि झारखंड आंदोलन के अग्रणी योद्धा और महान क्रांतिकारी थे, के निधन के बाद से ही मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार होते रहे। पार्टी और परिवार के सदस्यों ने हमे अलग-थलग किया गया है, जो मेरे लिए अत्यन्त पीड़ादायक रहा है। मैंने उम्मीद की थी कि समय के साथ स्थितियां सुधरेगी, परन्तु दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। झामुमो पार्टी को मेरे स्वर्गीय पति ने त्याग, समर्पण और नेतृत्व क्षमता के बल पर बनाया था लेकिन आज वह पार्टी नहीं रहीं। मुझे यह देख कर गहरा दुःख होता है। पार्टी अब उन लोगों के हाथों में चली गयी है, जिनके दृष्टिकोण और उद्देश्य हमारे मूल्यों और आदर्शों से मेल नहीं खाते।

सीता ने लिखा कि हम सभी को एकजुट रखने के लिए शिबू सोरेन (गुरुजी बाबा) अपने अथक प्रयासों के बावजूद विफल रहें। मुझे हाल ही में ज्ञात हुआ है कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ भी एक गहरी साजिश रची जा रही है। मैं अत्यन्त दुःखी हूं। मैंने यह दृढ़निश्चय किया है कि मुझे झामुमो और इस परिवार को छोड़ना होगा।

अतः मैं पार्टी से अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहीं हूं और आप से निवेदन करती हूं कि मेरे इस्तीफे को स्वीकार करें। मैं आपका और पार्टी का हमेशा आभारी रहूंगी।



हिन्दुस्थान समाचार/वंदना/सुनील