फ्लाटा गांव के मनोहर कुमार गाय के गोबर से उत्पाद तैयार कर आत्मनिर्भर भारत के सपने को कर रहे हैं साकार

Manohar Kumar of Flata village is realizing the dream of sel


उधमपुर, 09 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत का सपना अब कुछ-कुछ साकार होने लगा है। उनके द्वारा जो आत्मनिर्भर भारत की राह दिखाई गई है उसको अब लोग साकार करने में लगे हुए हैं तथा अपने कार्य प्रारंभ कर खुद भी कार्य करने के साथ-साथ और भी लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करवा रहे हैं। इससे उनके व उनके साथ कार्य करने वालों के आय के साधन बने हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो रही है।

ऐसा ही कुछ फ्लाटा गांव में देखने को मिला है। फ्लाटा गांव के रहने वाले युवा मनोहर कुमार पंचगव्य योजना के अंतर्गत गाय के गोबर व अन्य चीजों से कई तरह का सामान तैयार करने में जुटे हुए हैं। इस समय उनके द्वारा गाय के गोबर से होली के रंग, दंत मंजन व कई जड़ी बूटियों से धूफ व अगरबत्ती तैयार की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा जो होली के रंग तैयार किए जा रहे हैं वह पूरी तरह से कैमिकल रहित हैं। उनमें केवल खाने वाले रंगों का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ-साथ वह धूफ व अगरबत्ती भी तैयार कर रहे हैं। इसमें उनका साथ गांव की कई महिलाएं दे रही हैं।



उन्होंने बताया कि उनके द्वारा दंत मंजन भी तैयार किया गया जो सप्ताह में दो से तीन बार इस्तेमाल करने से दांतों से संबंधित कोई भी बीमारी नहीं लगती है। इसके अलावा ऐलविरा से कुछ दवाईयां तक तैयार की गईं, जिनके सेवन से कई तरह की बीमारियां ठीक होती हैं।



उनका कहना था कि विदेशी सामान जो हम खरीदते हैं उसका सारा लाभ विदेशी कंपनियां ले जाती हैं जबकि अपने देश के संसाधनों का इस्तेमाल करने के बावजूद भी देश को इसका बहुत कम लाभ मिलता है। उनका कहना था कि देश वासियों को अब जागने की जरूरत है तथा घरेलू उत्पादों का इस्तेमाल करने पर बल देना होगा तभी हमारा भारत आत्मनिर्भर बन सकेगा।



उन्होंने यह भी कहा कि उनके द्वारा किए जा रहे उत्पाद धूफ, अगरवती, शैम्पो, दंत मंजन, दवाईंयों से किसी भी कोई भी नुकसान होता दिखता है तो वह सामान को वापिस कर अपने पैसे वापिस ले सकता है।



उन्होंने जानकारी दी कि उनकी कोशिश है वह आगामी दिनों में हर गांव में 20 से 25 महिलाओं का गु्रप तैयार कर उन्हें उत्पाद बनाने हेतु प्रशिक्षण दें ताकि ज्यादा से ज्यादा घरेलू उत्पाद तैयार हो सकें। उनका यह भी कहना था कि लोगों को भी चाहिए कि इस घरेलू तैयार किए गए सामान का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें।



उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वह कैमिकल रहित रंगों का प्रयोग करें। इससे किसी प्रकार का कोई भी नुकसान की कोई गुंजाईश नहीं हैं। इसके साथ-साथ जो धूफ व अगरबत्ती तैयार की जा रही है वह भी काफी अच्छी गुणवत्ता की है। उनका कहना था कि इस कार्य से यहां एक ओर गोबर का इस्तेमाल खाद के रूप मंे किया जा रहा है तो दूसरी ओर इस तरह की वस्तुएं बनाकर आत्मनिर्भर भारत में अपना सहयोग दिया जा रहा है।



गौर रहे कि मनोहर कुमार ने पिछली दीपावली को गाय के गोबर से दीपक तैयार किए थे तथा उनसे अच्छी आय अर्जित की थी।



हिन्दुस्थान समाचार/रमेश /बलवान