हैदराबाद: उप राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को शुरुआती शिक्षा मातृ भाषा में देने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकारों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को उसके उद्देश्य और भावना के साथ लागू करने की अपील की।

उड़िया लेखिका डॉ.प्रतिभा रे को डॉ.सी.नारायण रेड्डी साहित्य पुरस्कार से सम्मानित करने के बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उप राष्ट्रपति ने तेलुगु भाषा और साहित्य में डॉ.सी.नारायण रेड्डी के ‘ अमूल्य योगदान’’ को याद किया।

उन्होंने कहा कि उनकी लेखनी तेलुगु भाषियों को मुग्ध कर देती है।

डॉ.रेड्डी की कालजयी रचना ‘‘विश्वम्भरा’’ का संदर्भ देते हुए नायडू ने कहा कि यह मानव और प्रकृति के संबंध को सुदंरता के साथ उकेरती है। उल्लेखनीय है कि इसी रचना के लिए डॉ.रेड्डी को ज्ञानपीठ सम्मान से सम्मानित किया गया था।

नायडू ने कहा कि सांसद रहे डॉ.रेड्डी ने राज्यसभा में कई सृजनात्मक सुझाव दिए और उन्होंने शिक्षा में मातृ भाषा के इस्तेमाल के लिए पूरी लगन से प्रयास किया।

गौरतलब है कि उड़िया भाषा की लेखिका डॉ.रे के उपन्यास और लघु कहानियां अहम सामाजिक मुद्दों को छूती हैं। उन्हें वर्ष 2011 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से और क्रमश: 2007 व 2022 में पद्मश्री और पद्भूषण से सम्मानित किया जा चुका है।