शिमला, 5 मार्च (हि. स.)। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही के राज्यसभा चुनाव के बाद सुक्खू सरकार अल्पमत में आ गई है। इसी वजह से भारतीय जनता पार्टी के 15 विधायकों को निलंबित कर बजट पारित करा लिया गया।



जयराम ठाकुर ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि भाजपा के विधायकों को निष्कासित करना इस बात का सबूत है कि सरकार अल्पमत में आ गई है। उन्होंने कहा कि विशेषाधिकार कमेटी के जरिए भाजपा के सात विधायकों को नोटिस देकर निष्कासित करने का प्रस्ताव लाकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बचाने का प्रयास कर रही है। अपनी सरकार को बचाए रखने के लिए सुक्खू सरकार अब नया यह षड्यंत्र रच रही है।



नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को यह समझ आ गया है कि वह बहुमत खो चुके हैं और सत्ता में बने रहने के लिए उनके पास संख्या बल नहीं है। इसलिए नियमों की धज्जियां उड़ाकर विधायकों को निष्कासित करने का जो प्रयास हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार कर रही है वह आज तक भारत के इतिहास में किसी भी विधानसभा में नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। लोकतंत्र में इस तरह की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार के इस षड्यंत्र की कड़ी निंदा करती है।



बजट पारित होने के बाद बजट पारित होने के पांच दिन के पश्चात प्रदेश की महिलाओं को सम्मान निधि के रूप में 1500 रुपये देने की घोषणा करने से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री स्वयं ही इस बात को महसूस कर रहे हैं कि उनके पास सरकार चलाने का बहुमत नहीं रह गया है। एक तरफ मुख्यमंत्री आर्थिक बदहाली का जिक्र कर रहे हैं दूसरी तरफ विधायकों को कैबिनेट दर्जी से नवाज रहे हैं। इस प्रकार के कामों से उनकी स्थिति और हास्यास्पद हो गई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधायक, कार्यकर्ता, पदाधिकारी और मंत्री सरकार से खुश नहीं हैं। मंत्री लोग मंत्री परिषद की बैठकर छोड़कर रोते हुए बाहर निकल रहे हैं। वर्तमान सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है क्योंकि उसके पास विधानसभा में बहुमत नहीं है।



हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/सुनील