सोनीपत, 15 अप्रैल (हि.स.)। कामी रोड के राम लीला मैदान से शहर सोनीपत में श्री देवी माता चिटाने वाली अपने भवन सुनारों वाली गली से सोमवार को राम लीला मैदान आ गई। बैंड बाजे के साथ श्रद्धालु नाचते गाते, ढोल बजाते हुए अल सुबह चार बजे माता को लेकर आए हैं। पंडित राजेश सौनक, पंडित अमित सौनक ने मंत्रोच्चारण कर माता रानी की पुजा अचर्ना व आरती करवाई। इसके बाद मेला आरंभ हो गया।

मेले में दूर दाराज आए माता के भक्तों ने 12 जगह विशाल मैदान में भंडारे लगाए। खीर का प्रसाद बनाया, हलवा, आलू सब्जी और पूरी का प्रसाद वितरित किया गया। स्वर्णप्रस्थ के राम लीला मैदान में यह मेला भरा है, जहां पांडवों ने कुरुक्षेत्र के मैदान में महाभारत का युद्ध होने से पहले महाकाल व महाकाली माता की पूजा की थी। यह पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक स्थल है। देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था को केंद्र है। सिद्ध पीठ श्री देवी माता चिटाने वाली शहर सोनीपत के प्रधान महेश गोयल ने कहा कि यह उनके जीवन का सबसे कीमती समय है।

माता रानी को मंदिर से बैंड बाजे के साथ अल सुबह लेकर आए। नवरात्र में छठ की कढाई के बाद माता मंदिर से अपना स्थान बदलती है, सप्तमी को यहां मेला लग रहा है। इस मेले की खुबसूरती यहां मध्य रात्रि को होने वाली महाआरती होगी। पूरे भारत में अपनी तरह की अलग ही है। अष्ठमी को यहां से माता रानी रथ में सवार होकर वापस अपने भवन पर जाएंगी। तरुण गोयल सीटू, सुधीर गोयल, अशेाक, दीपक, नरेश, मनीष, विपुल, विक्रांत कुच्छल, आरके टानु, वेद कुच्छल, राजकुमार गोयल आदि मेले की व्यवस्थाओं को संभाले हुए थे।



हिन्दुस्थान समाचार/ नरेंद्र/सुमन/संजीव