प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में जीसीएमएमएफ की डेयरियों के 05 प्लांट का ई-लोकार्पण किया

Prime Minister Narendra Modi e-inaugurates 


-गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन का स्वर्ण जयंती समारोह

अहमदाबाद, 22 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में गुरुवार को अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) का स्वर्ण जयंती समारोह मनाया गया। इस समारोह में पूरे राज्य से एक लाख से अधिक किसान, दूध उत्पादकों, सहकारी अग्रणियों सहित पशुपालकों ने हिस्सा लिया।

समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीसीएमएमएफ के अधीनस्थ विभिन्न डेयरियों के पाँच प्लांटों का ई-लोकार्पण किया। इनमें अमूल डेयरी-आणंद के नए ऑटोमेटिक यूएचटी मिल्क प्लांट, साबरकांठा जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड के चीज प्लांट एवं मेन्युफैक्चरिंग प्लांट, कच्छ जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ के ऑटोमेटिक आइसक्रीम प्लांट तथा भरूच जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड के नई मुंबई स्थित डेयरी प्रोसेसिंग प्लांट का ई-लोकार्पण शामिल है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने राजकोट जिला सहकारी दूध उत्पादक संघ लिमिटेड की राजकोट डेयरी विकास परियोजना का भी ई-लोकार्पण किया। इस अवसर पर जीसीएमएमएफ का स्मृति कॉइन भी प्रधानमंत्री के हाथों रिलीज किया गया। अमूल के आइकॉनिक गीत ‘मंथन’ पर सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुति पेश की गई जिसमें लगभग 500 कलाकारों ने गरबा किया।

समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि आज का कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में ‘सहकार से समृद्धि’ के ध्येय को चरितार्थ करने वाला प्रसंग है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में अंग्रेजों के विरुद्ध असहयोग आंदोलन का नेतृत्व गुजरात के दो सपूतों महात्मा गांधी एवं सरदार वल्लभभाई पटेल ने किया था। उसी प्रकार गुजरात के दो सपूतों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा सहकारिता मंत्री अमित शाह की जोड़ी ने सहकार से समृद्धि का मिशन दिया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के दशकों बाद नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से देश में पहली बार सहकारिता मंत्रालय कार्यरत हुआ है। कृषि, पशुपालन एवं ग्रामीण उत्थान के सर्वसमावेशी पैटर्न को नरेन्द्र मोदी ने विकसित किया है। गुजरात के सहकारिता मॉडल की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के डेयरी-सहकारिता आंदोलन मॉडल समान हैं। वर्ष 1946 में 15 गाँवों में छोटी-छोटी डेयरियों के सभासदों से शुरू हुए वे आंदोलन आज गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के अंतर्गत 36 लाख दूध उत्पादकों के साथ सबसे बड़ा सहकारी परिवार बन गया है।

इससे पहले जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष शामलभाई पटेल ने स्वागत संबोधन में कहा कि सहकारिता गतिविधियों के प्रणेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरक उपस्थिति में जीसीएमएमएफ का स्वर्ण जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है, जो गौरवपूर्ण विषय है।



विश्व की सबसे बड़ी किसानों के स्वामित्व वाली डेयरी सहकारिता संस्था

उल्लेखनीय है कि जीसीएमएमएफ को अमूल फेडरेशन के रूप में भी जाना जाता है। वह विश्व की सबसे बड़ी किसानों के स्वामित्व वाली डेयरी सहकारिता संस्था है तथा गुजरात में डेयरी सहकारी संघों की सर्वोच्च संस्था है, जो ‘अमूल’ ब्रैंड के अंतर्गत डेयरी उत्पादनों की मार्केटिंग करती है। जीसीएमएमएफ 9 जुलाई, 1973 को उस समय अस्तित्व में आया था, जब ‘अमूल’ ब्रैंड नाम के अधीन दूध एवं दूध के उत्पादों की मार्केटिंग करने के लिए भारत के मिल्कमैन डॉ. वर्गीस कुरियन के नेतृत्व में छह दूध संघ एक साथ आए थे। अमूल फेडरेशन के साथ हाल में गुजरात के 18 दूध संघों के साथ-साथ 18,600 गाँवों के 36 लाख से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। अमूल फेडरेशन के दूध संघ दैनिक 3 करोड़ लीटर से अधिक दूध खरीदते हैं। अमूल फेडरेशन 50 से अधिक देशों में निर्यात करने के अलावा समग्र भारत में 86 शाखाओं, 15000 वितरकों एवं 10 लाख रीटेलर्स के नेटवर्क द्वारा 50 से अधिक डेयरी उत्पादों की मार्केटिंग करता है।

नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में जीसीएमएमएफ के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, केन्द्रीय पशुपालन मंत्री परशोत्तम रूपाला, विधानसभा अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी, राज्य के सहकारिता राज्य मंत्री जगदीश विश्वकर्मा, विधानसभा उपाध्यक्ष जेठाभाई आहिर, राज्य के विभिन्न सहकारिता संस्थानों के पदाधकारी एवं अग्रणी सहित बड़ी संख्या में पशुपालक व किसान उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/संजीव