काठमांडू, 05 दिसम्बर (हि.स.)। नेपाल और भारत के बीच रहे किसी भी प्रकार के संबंधों की तुलना चीन से नहीं की जा सकती है। नेपाल की एक संसदीय समिति की बैठक में देश की नई विदेश नीति पर चर्चा करते हुए यह टिप्पणी की गई है।



नेपाली संसद के अन्तर्गत अन्तरराष्ट्रीय संबंध समिति में इन दिनों देश की नई विदेश नीति को लेकर व्यापक चर्चा की जा रही है। इस समिति के अध्यक्ष राजकिशोर यादव ने कहा कि नेपाल की नई बनने वाली विदेश नीति में सभी देशों के साथ संबंध को लेकर स्पष्ट रूप से व्याख्या करने की आवश्यकता है। समिति की बैठक में यादव ने कहा कि नेपाल को रूढ़िवादी सोच से आगे निकल कर यथार्थ परख होकर सोचना होगा। उन्होंने कहा कि सभी पड़ोसी देशों के साथ समदूरी, समसंबंध, सभी देशों के साथ एक जैसा व्यवहार यह वामपंथ से ग्रसित सोच से है, जिससे बाहर निकलना होगा।



बैठक में सांसदों को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष राजकिशोर यादव ने कहा कि भारत के साथ नेपाल का जो संबंध है, उसकी तुलना किसी भी अन्य देश से नहीं की जा सकती है। फिर भारत और चीन के बीच समदूरी या समान संबंध का सवाल ही नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि नेपाल और चीन के बीच व्यापारिक रिश्ते हैं और वह हमारा उत्तर का पड़ोसी है लेकिन भारत के साथ हमारा पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संबंध भी है। उन्होंने कहा कि व्यापार और आर्थिक दृष्टि से देखें तो भी भारत की तुलना चीन क्या किसी अन्य देश के साथ भी नहीं की जा सकती है।