नई दिल्ली, 02 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय लिबरल पार्टी के अध्यक्ष डॉ. मुनीश कुमार रायजादा ने मांग की है कि दिल्ली में तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। डॉ. रायजादा ने जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजे हुए 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं। इससे राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है।

रायजादा ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के काम में अपने कैबिनेट मंत्रियों और नौकरशाहों से मिलना, फाइलों का अध्ययन करना, लोगों से बातचीत करना और राज्य के मुद्दों पर चर्चा करना शामिल है। केवल कागजों पर हस्ताक्षर करना ही मुख्यमंत्री का काम नहीं है। दिल्ली के मुख्यमंत्री को सरकार को सुचारु रूप से चलाने के लिए उपराज्यपाल के साथ मिलकर समन्वय करना होगा।



उन्होंने कहा कि जेल में बैठा मुख्यमंत्री इन कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर सकता। इससे राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। डॉ. रायजादा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जेल से सरकार चलाकर संविधान को कमजोर कर रहे हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ के तहत काम करते हैं।



डॉ. रायजादा ने कहा, "जेल से मुख्यमंत्री के रूप में काम करना गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन है, क्योंकि केजरीवाल को प्रदान की गई फाइलें और दस्तावेज पहले जेल अधिकारी देखेंगे।" यह संविधान के प्रावधानों को कमजोर करता है।" इन सबको ध्यान में रखते हुए डॉ. रायजादा ने केंद्र सरकार से इस सरकार को बर्खास्त कर दिल्ली राज्य में तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।



उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को सत्ता का लालच है। अगर ऐसा न होता तो केजरीवाल राखी बिडलान जैसी नेत्री को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करके इस संवैधानिक संकट से आसानी से बच सकते थे। राखी ने अन्ना आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया था और तीन बार निर्वाचित विधायक हैं।केजरीवाल में थोड़ी भी नैतिकता बची होती, तो वह उदाहरण के तौर पर दलित समुदाय से आने वाली राखी बिडलान को मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकते थे। इससे दलित समुदाय के उत्थान और महिला सशक्तिकरण के लिए एक बहुत मजबूत संकेत जाता।



हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद