धमतरी : दो दिन से हो रही वर्षा, तापमान में गिरावट, किसानों की बढ़ी चिंता

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धमतरी, 9 अप्रैल् (हि.स.)। लगातार दो दिनों से हो रही रूक-रूक वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चला है। इसके चलते रबी फसल के रूप में तैयार हो रही धान फसल को नुकसान पहुंचा है। जिन खेतों में धान की फसल गिर गई है, उसे किसान समेट रहे हैं। बेमौसम वर्षा से हालांकि लोगों को तेज गर्मी से राहत मिली है।





जिले में दो दिन से हो रही आंधी-वर्षा से एक बार फिर धान की फसल को नुकसान पहुंचा है। कई स्थानों पर फसल चटाई की तरह जमीन पर बिछ गई है। बालियां झड़ गई हैं। कीट प्रकोप बढ़ने का खतरा बना हुआ है। इस साल मौसम किसानों पर भारी पड़ रहा है। लगभग 15 दिन पहले हुए ओलावृष्टि, आंधी और मिमी बारिश से किसानों को काफी और नुकसान हुआ था। कुछ स्थानों पर सर्वे कर आरबीसी 6/4 के तहत क्षतिपूर्ति देने की प्रक्रिया चल रही है। पर अभी किसानों को क्षतिपूर्ति मिली नहीं है और फिर से मौसम कहर ढा रहा है। रविवार से मौसम खराब चल रहा है। सोमवार की रात को बारिश शुरू हो गई थी, जो सुबह तक जारी रही। भू-अभिलेख प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 13.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है। सर्वाधिक बारिश कुकरेल में 25 मिमी हुई। धमतरी में 21.9 मिमी, कुरूद में 19 मिमी, भखारा में 13 बारिश दर्ज की गई है। नगरी बेलरगांव में बारिश नहीं हुई है। बेमौसम बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। कई स्थानों फसल चटाई की तरह बिछ गई है। किसान हिंछाराम साहू, जगजीवन देवांगन ने बताया कि बेमौसम वर्षा से से फसल को नुकसान पहुंचा है।

मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश से रायल सीमा होते हुए दक्षिण तमिलनाडु तक एक द्रोणिका बनी हुई है। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 0.9 किमी पर है। इसके प्रभाव से प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है। वहीं प्रदेश के एक दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने तथा वज्रपात होने की संभावना है। जिले का अधिकतम तापमान 30 डिग्री पर आ गया है। ज्ञात हो कि शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 40 डिग्री से पार हो गया था। बताया जा रहा है कि प्रदेश में अगले चार दिनों तक अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है।





हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा