धमतरी : बाल विवाह रोकने जिला प्रशासन ने की तैयारी, टीम गठित

District administration prepared to stop child marriage

रामनवमीं व अक्षय तृतीया पर बाल विवाह को रोकने प्रशासन सतर्क




धमतरी, 16 अप्रैल (हि.स.)। बालविवाह को लेकर शासन स्तर पर लगातार जागरुकता अभियान चलाए जाने के बाद भी कुछेक पालक अपने बच्चों का बाल विवाह कर देते हैं, जो चिंता का विषय है। पिछले आठ सालों में महिला एवं बाल विकास विभाग व जिला बाल संरक्षण विभाग ने 78 बाल विवाह रुकवाया है। रामनवमीं व अक्षय तृतीया पर्व पर सबसे ज्यादा बाल विवाह होने की आशंका रहता है। ऐसे में बाल विवाह पर नजर रखने के लिए जिला प्रशासन से तीनस्तरीय टीम गठित की गई है, जो इन दिनों विशेष तौर पर बाल विवाह कराने वाले परिवारों पर नजर रखेंगे।



जागरुकता के बाद भी बाल विवाह का नहीं रुकना जवाबदार अधिकारी-कर्मचारियों की विफलता है, क्योंकि जागरुकता के अभाव के कारण ही बाल विवाह जिले में आयोजित होता है। रामनवमीं व अक्षय तृतीया के दिन शादी का सबसे ज्यादा लग्न होता है, इस समय में बाल विवाह होने की आशंका रहता है। इस साल 17 अप्रैल को श्रीराम नवमीं और 10 मई को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। दोनों मुहूर्त में कई शादियां है। इस बीच कुछ नाबालिग जोड़ों का ब्याह भी कर दिया जाता है, जो किसी से छिपा नहीं है। पकड़ में आने पर कार्रवाई हो जाती है, लेकिन जानकारी नहीं मिलने पर बाल विवाह आयोजित हो जाता है, जो नियम विरुद्ध है। ऐसे नाबालिग जोड़ों का ब्याह रुकवाने के लिए जिला प्रशासन इन दिनों अलर्ट हो गया है।

कलेक्टर नम्रता गांधी के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से तीनस्तरीय निगरानी टीम बनाई जा रही है। जिला बाल संरक्षण टीम बाल विवाह को रुकवाने सतर्क हो गई है। बाल विवाह रोकने के लिए जिलास्तर व विकासखंडस्तर पर अधिकारी-कर्मचारियों की टीम गठित की गई है। वहीं ग्राम पंचायत स्तर पर समिति गठित की गई है। यह टीम वार्ड व गांव में निगरानी करते हुए बाल विवाह को रुकवाएंगे। ब्लाॅकस्तर पर बनाए गए निगरानी टीम में परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, संबंधित थानों के थाना प्रभारी, प्रतिनिधि चाइल्ड लाइन शामिल रहेंगे। इसी तरह ग्राम पंचायत स्तर में गठित टीम में बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष, सरपंच एवं सचिव, पंच, ग्राम के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, मितानिन, महिला समूह से दो महिलाएं तथा हाईस्कूल से दो छात्रों को समिति में सम्मिलित किया गया है। इन्हें अलर्ट कर बाल विवाह रोकने के लिए कहा गया है, नहीं रुकने की स्थिति में जिला बाल संरक्षण टीम को 97532-40549, 1098 या 112 निकटतम पुलिस थाना को सूचित करेंगे।

जिलास्तर पर गठित टीम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक, संबंधित परियोजना के बाल विकास परियोजना अधिकारी, संबंधित थाना प्रभारी, विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार अमृत, परामर्शदाता मोहिनी रानी गजेन्द्र, आउटरीच वर्कर खिलेश्वरी साहू, मनोज साहू आदि शामिल हैं।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने बताया कि बाल विवाह रुकवाने के लिए इस साल त्रि-स्तरीय निगरानी समिति बनाई गई है, जो बाल विवाह पर नजर रखेंगी। पखवाड़ेभर पहले एक साथ नगरी के बेलरगांव में दो लड़कियों एवं एक लड़के का बाल विवाह होने से टीम ने रोका था। कहीं से भी बाल विवाह की सूचना पर टीम संबंधित के घर पहुंचकर दुल्हा-दुल्हन के जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल दाखिला, आधार कार्ड या अन्य कोई ऐसा दस्तावेज देखती है, जिससे सही उम्र का पता चल सके।



हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा