बेगूसराय, 24 नवम्बर (हि.स.)। बिहार के सिमरिया में गंगा तट पर आयोजित गंगा महाआरती ने देवोत्थान एकादशी की रात नया इतिहास रच दिया है। इस आरती में जहां देश के विभिन्न हिस्से के संत और श्रद्धालु शामिल हुए। वहीं, पहली बार किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर और उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड के सदस्य कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां भी शामिल हुई।



उन्होंने सनातन धर्म की परंपरा के अनुसार वैदिक रीति रिवाज से पूजा अर्चना किया। इसके बाद सनातन धर्म पर प्रहार करने वालों तथा बिहार सरकार पर भी जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में 15 सौ करोड़ मिलता है, वहां की सरकार कुंभ के लिए करोड़ों का बजट पारित करती है। लेकिन बिहार सरकार 2011 से ही यहां कुंभ पुर्नजागृत होने के बावजूद सो रही है। बिहार की सरकार को भी ऐसे आयोजन में मदद करनी चाहिए, सरकार बजट बनाए।



कौशल्या नंद गिरी ने कहा कि कुंभ जैसे सनातन धर्म के महाआयोजन में मदद करने के बदले कुछ नेता समाज को बांट कर सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सनातन धर्म है तब हम हैं। लेकिन कुछ नेता सनातन धर्म पर लगातार प्रहार करते हैं, वैसे नेताओं का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। सनातन धर्म नहीं होता तो अस्तित्व समाप्त हो गया रहता, क्योंकि सनातन धर्म विश्व का कल्याण करता है।



उन्होंने कहा कि हर युग में किन्नर का जिक्र होता आया है। कलयुग में किन्नर की मान्यता समाप्त हो गई। इसके लिए लड़ना पड़ा और जिस समाज ने मुझे भगाया वही अब अपना रहा है। सत्यता की जीत हुई, स्वतंत्रता के 70 साल में किन्नर को पहचान नहीं मिला था। मुझे कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा, अखाड़ा बना और अब समाज अपना चुका है। हम सनातन धर्म को जाग रहे हैं, हम लोग भेदभाव होने के बाद भी सनातन धर्म को लेकर लगातार आगे बढ़ते रहे।



उन्होंने कहा कि जो कोई सनातन धर्म को मिटाना चाहेगा, सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ करेगा, उसका इतिहास और राज-पाट समाप्त हो जाएगा, उसका सर्वनाश हो जाएगा। आज मिथिला की जिस भूमि पर बैठे हैं, वह जगत जननी माता सीता की जन्म भूमि है। सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए संत समाज और कुंभ सेवा समिति बेहतर कार्य कर रही है। यहां व्यवस्था बनाने के लिए बिहार की सरकार को नींद से जागना होगा, व्यवस्था करनी होगी।