खूंटी, 20 नवंबर (हि.स.)। लोक आस्था और नेम निष्ठा का चार दिवसीय महापर्व छठ सोमवार को उदीयमान भगवान भास्कर को दूसरा और अंतिम अर्घ्य प्रदान करने के साथ ही संपन्न हो गया। सुबह तीन बजे से ही पूरा वातारण छठ मैया के गीतों से गुंजामयान हो उठा। चार बजते-बजते श्रद्धालुओं की सैलाब छठ घाटों पर उमड़ पड़ा। जिला मुख्यालय के राजा तालाब, चौधरी तालाब, साहू तालाब के अलावा, कुजला, सोसोटोली सहित आसपास के छठ घाटों में भीड़ इस कदर उमड़ी की तिल रखने की जगह नहीं थी।

जैसे ही पूर्व में उदीयमान सूर्य नारायण की लालिमा नजर आयी, पूरा छठ घाट ऐही सूर्यो संहस्त्रांशों के वैदिक मंत्रों से गुंजने लगा। भगवान भास्कर को दूसरा अर्घ्य देने के बाद व्रतियों ने सूर्य पूजन और रवि षष्ठी व्रत की कथा सुनकर हवन किया और प्रसाद का वितरण किया। प्रसाद पाने के लिए मानो लोगो में होड़ लग गयी थी। सांध्य और प्रातःकालीन अर्घ्य को लेकर नदियों, तालाबों और सरोवरों के छठ घाटों की आकर्षक विद्युत सज्जा की गयी थी। छठ घाटों से लौटने के बाद व्रतियों ने विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना कर अपने और परिवार की खुशहाली की कामना की।

तोरपा इस बार भी फ्रंड्स क्लब के सौजन्य से छाता नदी छठ घाट पर भगवान सूर्य नारायण की प्रतिमा स्थापित की गई। हजारीबाग के पुरोहित गौरी शंकर मिश्र ने वैदिक मांत्रोच्चार के बीच प्रतिमा की प्राणा प्रतिष्ठा और अन्य अनुष्ठान संपन्न कराये। भोला साहू सपत्निक मुख्य यजमान कें रूप में शाामिल हुए। फ्रेंड्स क्लब छठ पूजा समिति द्वारा काफी आकर्षक विद्युत सज्जा की गयी थी, जिसकी तारीफ हर कोई कर रहा था। पूजा समिति द्वारा रविवार शाम और सोमवार की सुबह छठ घाट पर ही जगरता का आयोजन किया था। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मधुर भजनों से पूरा वातावरण छठमय हो गया।