गुवाहाटी : मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने एक राष्ट्र के तौर पर व्यापक एकता के लिए सभी वर्गों के लोगों के बीच विश्वास पैदा करने में राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका पर रविवार को जोर दिया।

संगमा ने एक-दूसरे के जीवन के विभिन्न पहलुओं की बेहतर समझ के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में, विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के बीच, सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व को भी रेखांकित किया।

संगमा ने कहा, ‘‘व्यापक एकता के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका राजनीतिक नेतृत्व की है। उन्हें (राष्ट्रीय) एकता के विभिन्न पहलुओं पर विचार करना चाहिए और इसे हासिल करने के लिए सही कदम उठाने चाहिए।’’

वह सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय और पूर्वोत्तर राज्यों तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक परिषद (एनईजेडसीसी) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'राष्ट्र निर्माण में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के योगदान का जश्न' विषय पर आयोजित दो-दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

संगमा ने बताया कि सभी हितधारकों को एक साथ लाने के लिए, विशेष रूप से पूर्वोत्तर जैसे क्षेत्र में विश्वास पैदा करना आवश्यक है।

संगमा ने कहा, ‘‘पिछले 75 वर्षों में, ज्यादातर समय पूर्वोत्तर के मुद्दों को समझा नहीं गया और नीतियां दिल्ली में बैठे लोगों द्वारा बनाई गई थीं। इससे विश्वास का क्षरण होता है।’’

मेघालय के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यहां अंतर-जनजाति, अंतर-सामुदायिक मुद्दे हैं और कई बार नीतिगत हस्तक्षेप गलत दिशा में रहा है। इससे एक वर्ग (खुद को) वंचित महसूस करता है।’’

उन्होंने कहा कि इन खामियों को कैसे कम किया जाए, इस पर काम करना होगा और हालांकि इसमें समय (जरूर) लग सकता है, लेकिन सही दृष्टिकोण के साथ इसे हासिल भी किया जा सकता है।

मेघालय के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय मंत्रियों को नियमित रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र का दौरा करने के निर्देश दिये जाने का उल्लेख किया और इसे सही दिशा में एक कदम करार दिया।

उन्होंने कहा कि जब वे सीधे तौर पर मुद्दों को समझते हैं, तो इससे समाधान विकसित करने में मदद मिलती है।

संगमा ने एकता के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व पर भी बल दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘सांस्कृतिक आदान-प्रदान छोटी उम्र से ही होना चाहिए...विभिन्न स्तरों पर एक-दूसरे के जीवन का अनुभव करने की जरूरत है।’’