गुवाहाटी : मशहूर कलाकार और असमी फिल्मकार पुलक गोगोई का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को यहां एक सरकारी अस्पताल में देहांत हो गया। वह 84 साल के थे।

उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। गोगोई को गुर्दे और हृदय से संबंधित बीमारियां थीं और उन्हें गुवाहाटी चिकित्सा महाविद्यालय एंव अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘ असम की सांस्कृतिक दुनिया के अग्रदूत और मशहूर फिल्म निर्देशक एवं प्रख्यात चित्रकार एवं कार्टूनिस्ट पुलक गोगोई के देहावसान की खबर सुनकर मुझे बड़ा दुख हुआ।’’

असम में आधुनिक समसामयिक कला के मार्ग को आकार प्रदान करने वाले सृजनशील कलाकार गोगोई का जन्म जोरहाट में हुआ था और उन्होंने बांद्रा कॉलेज ऑफ आर्ट से पढ़ाई की थी।

उनकी कलाकृतियां मुंबई की जहांगीर आर्ट गैलरी, कोलकाता की एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स, नयी दिल्ली में ललित कला अकादमी, वाशिंगटन होजेज गैलरी तथा असम एवं मेघालय की कलावीथिकाओं में प्रदर्शित की गयीं।

बाल कलाकार के तौर पर वह कोलकाता में अपने कलात्मक जुनून को लेकर आगे बढ़ना चाहते थे लेकिन वित्तीय परेशानियों ने उन्हें गायक, फिल्मकार और लेखक भूपेन हजारिका के यहां नौकरी करने के लिए बाध्य कर दिया। हजारिका ने उन्हें 1967 में एक फिल्म स्टूडियो में अंशकालिक काम दिलवा दिया।

उसी साल गोगोई गुवाहाटी लौट आये और उन्होंने ‘अमर प्रतिनिधि’ और ‘असम बानी’ समेत कई प्रकाशनों के लिए व्यंग्य चित्र बनाना शुरू कर दिया। बाद में वह ‘दैनिक असम’ से जुड़ गये। उन्होंने हजारिका के सहायक के रूप में भी काम किया जिन्होंने 1967 से 1972 तक असमिया पत्रिका ‘अमर प्रतिनिधि’ का संपादन किया।

गोगोई ने 1974 में अपनी फीचर फिल्म ‘खोज’ से फिल्मनिर्माण में कदम रखा तथा ‘महिमामोयी’, ‘सदरी’, ‘सेंदूर’, ‘रेलार अलीर दुबारी बोन’, ‘मोरोम नादि गभारू घाट’ और ‘पत्नी’ जैसे कई श्रेष्ठ फिल्में बनायीं। असम सरकार ने 2017 में उन्हें राज्य में ललित कला के क्षेत्र में उनके योगदान को लेकर ‘कालगुरु विष्णु प्रसाद राभा’ पुरस्कार से सम्मानित किया।