गुवाहाटी : मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि असम सरकार मूल निवासियों को उनके स्व प्रमाणन के आधार पर जमीन का अधिकार प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वप्रमाणन में बताना कि दावेदार उस जमीन पर तीन पीढ़ियों से रह रहा है।

उन्होंने कहा कि भूस्वामित्व के अभाव में लोगों के मन में असुरक्षा बोध पैदा होता है जिसका असामाजिक तत्व फायदा उठाते हैं।

मुख्यमंत्री ने लक्षित लाभार्थियों से खासकर इस मकसद के लिए शुरू किये गये ‘मिशन बंसुधरा 2.0’ का लाभ उठाने की भी अपील की।

उन्होंने कहा कि स्वप्रमाणन प्रक्रिया के माध्यम से किसी जमीन पर किये गये दावे के ‘संदिग्ध मामलों’ को लेकर किसी जल्दबाजी में निर्णय नहीं लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अभी प्रकाशित नहीं की गयी राष्ट्रीय नागरिक पंजी तथा अन्य ऐसे स्रोतों को ऐसे मामलों पर निर्णय लेते समय विचार में लिया जाएगा।

यहां ‘मिशन बंसुधरा 2.0’ शुरू करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘ यह मिशन मूल निवासियों के लिए हैं और यह स्वप्रमाणन पर आधारित हैं जो यह बताएगा कि दावेदार पिछली तीन पीढ़ियों से उस जमीन पर रह रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जब भी कोई संदेह होगा तो वृताधिकारी उसकी जांच करेगा। वे संदिग्ध मामलों के निपटान में हड़बड़ी में नहीं होंगे। वे एनआरसी और अन्य ऐसे दस्तावेजों के आधार पर निपटाये जाएंगे।’’

मिशन वसुंधरा का पहला चरण राजस्व विभाग के तहत विभिन्न सेवाओं का एक निश्चित समयसीमा में हल प्रदान करने के लिए पिछले साल शुरू किया गया था । यह इस साल मई में पूरा हुआ तथा उससे छह लाख लोग लाभान्वित हुए।