अमरावती (आंध्र प्रदेश) : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी नौ नवंबर को ओडिशा के अपने समकक्ष नवीन पटनायक के साथ दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच के विभिन्न विवादित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भुवनेश्वर में एक बैठक करेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में वामसधारा नदी के किनारे नेरादी बैराज बनाने, पोलावरम सिंचाई परियोजना और दोनों राज्यों की सीमा पर मौजूद कोटिया क्षेत्र के गांवों को दर्जा दिये जाने का मुद्दा बातचीत के केंद्र में रहेगा।

उल्लेखनीय है कि इस साल जून में वामसधारा जल विवाद प्राधिकरण ने आंध्र प्रदेश के पक्ष में फैसला दिया और नेरादी बैराज का काम जारी रखने की अनुमति दी। इस बैराज की वजह से ओडिशा के रायगढ़ा और गजपति जिले की करीब 106 एकड़ जमीन के जलमग्न होने की आशंका है, साथ ही इन जिलों में जल संकट भी पैदा हो सकता है।

सूत्रों ने बताया कि आंध्र प्रदेश सरकार ने जलमग्न क्षेत्र के लिए मुआवजा देने और विस्थापितों के पुनर्वास पर सहमति जताई है, लेकिन ओडिशा सरकार को अब भी प्रस्ताव पर जवाब देना है।

उन्होंने बताया कि जगन यह मुद्दा पटनायक के समक्ष उठाएंगे और मुद्दे का समाधान करने की कोशिश करेंगे।

सूत्रों ने बताया कि लंबे समय से लंबित पोलावरम परियोजना से डूबने वाले इलाके को लेकर अंतिम समाधान पर भी दोनों मुख्यमंत्री चर्चा करेंगे। हालांकि, अब यह मामला अदालत में विचाराधीन है।

कोटिया के गांवों का मुद्दा भी लंबे समय से लंबित है और समाधान के लिए उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।

गौरतलब है कि हाल में उस समय दोनों राज्यों में तनाव बढ़ गया था जब ओडिशा की सीमा से लगे विजयनगरम के गांवों में आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को प्रवेश करने से रोका गया था। ओडिशा पुलिस ने आंध्र प्रदेश से लोगों की आवाजाही रोकने के लिए इन गांवों के आसपास अवरोधक भी लगा दिए थे।