आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से चंद्रबाबू नायडू की जमानत निरस्त करने की मांग की

AP govt to SC-Cancel Naidu bail


नई दिल्ली, 26 फरवरी (हि.स.)। आंध्र प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से चंद्रबाबू नायडू की जमानत निरस्त करने की मांग करते हुए कहा कि चंद्रबाबू नायडू के परिवार के सदस्य लोकसेवकों को धमकी देकर जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश कौशल विकास घोटाला मामले में चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से मिली जमानत को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति देने की मांग की। उन्होंने कहा कि नायडू के परिवार के सदस्य कह रहे हैं कि जब वे सत्ता में आएंगे तो इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उन्होंने 19 दिसंबर 2023 को नायडू के पुत्र नारा लोकेश के इंटरव्यू का जिक्र किया। उसके बाद नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने आंध्र प्रदेश सरकार की अर्जी का जवाब देने के लिए समय देने की मांग की। तब जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने साल्वे को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने 28 नवंबर, 2023 को आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए चंद्रबाबू नायडू को नोटिस जारी किया था। आंध्र प्रदेश सरकार ने चंद्रबाबू नायडू को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट की ओर से दी गई जमानत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने 20 नवंबर 2023 को नायडू को इस मामले में नियमित जमानत दी थी। कौशल विकास घोटाला मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने विभाजित फैसला दिया था।



चंद्रबाबू नायडू को 10 सितंबर, 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में नायडू 37वें आरोपित हैं। नायडू ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने 22 सितंबर, 2023 को उनकी याचिका खारिज कर दी थी। नायडू की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे और सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 17ए के मुताबिक एफआईआर दर्ज करने के पहले स्वीकृति जरूरी होती है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत/संजीव