कोझिकोड/मलप्पुरम : केरल में भाजपा ने शुक्रवार को लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार पर आरोप लगाया कि वह केंद्र द्वारा प्रतिबंधित किये जाने के दो दिन बाद भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ अनुवर्ती कार्रवाई करने में ‘देरी का हथकंडा’ अपना रही है।

भाजपा ने आरोप लगाया कि यह चरमपंथी इस्लामी संगठन के कार्यकर्ताओं को सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की तरफ आकर्षित करने के राजनीतिक एजेंडा का एक हिस्सा था।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कोझिकोड में संवाददाताओं से कहा कि पीएफआई पर पाबंदी का फैसला कोई सियासी निर्णय नहीं था, बल्कि केंद्र सरकार और राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसियों को इस संदर्भ में मिले गंभीर तथ्यों के आधार पर की गई एक विधिक कार्रवाई थी।

उन्होंने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर आरोप लगाया कि उन्होंने हाल ही में जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में निर्देश दिया कि प्रतिबंध के संबंध में अनुवर्ती कार्रवाई करने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखायें।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश देकर धार्मिक कट्टरपंथियों और आतंकी ताकतों को गलत संदेश दिया। उन्होंने कहा कि 50 हजार से अधिक पीएफआई कार्यकर्ताओं को माकपा की तरफ आकर्षित करने के लिए उठाये गये रणनीतिक कदम का यह एक हिस्सा है।

सुरेंद्रन ने कहा, ‘‘राज्य सरकार पीएफआई जैसे चरमंथी समूह के खिलाफ ‘देरी का हथकंडा’ अपना रही है। यह पीएफआई कार्यकर्ताओं को माकपा की तरफ आकर्षित करने के लिए उठाये गये रणनीतिक कदम का एक हिस्सा है, क्योंकि इस संगठन पर अब प्रतिबंध लग गया है। यह ठीक नहीं है, पुलिस के अनुसार राज्य में 50 हजार पीएफआई कार्यकर्ता हैं। ’’

इस बीच पीएफआई पर प्रतिबंध का समर्थन करने वाली इंडियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने शुक्रवार को अपना रुख नर्म करते हुए कहा कि संगठन को प्रतिबंधित करने के केंद्र सरकार के एक पक्षीय फैसले को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता।

पार्टी के महासचिव पी एम ए सलाम ने कहा कि केवल पीएफआई को प्रतिबंधित करने के फैसले को लेकर लोगों के मन में संदेह है।

उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पीएफआई से अधिक संख्या में हत्याएं की हैं, इसलिए सलाम ने पीएफआई को प्रतिबंधित करने के फैसले को एकपक्षीय करार दिया।

उन्होंने कहा कि किसी संगठन को एकपक्षीय रूप से प्रतिबंधित करना ठीक नहीं है।

आईयूएमएल के नेता एम के मुनीर ने प्रतिबंध के तुरंत बाद कहा था, ‘‘पीएफआई ना केवल युवकों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है, बल्कि समाज मे नफरत फैलाने और इसे बांटने की कोशिश कर रही है।’