तिरुवनंतपुरम : केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन के उस बयान को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है, जिसमें उन्होंने केरल में मनाये जाने वाले ओणम उत्सव से महाबली के संबंध को लेकर सवाल उठाया है। माकपा नेता और पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने आरोप लगाया कि मुरलीधरन ने यह बयान अनजाने में नहीं दिया है और इसका मकसद समाज में विभाजन करना था।

केरलवासियों द्वारा जाति, पंथ और धर्म से परे जाकर ओणम को उत्साह के साथ मनाने के एक हफ्ते बाद मुरलीधरन ने दावा किया कि केरल में महाबली के शासन का कोई ज्ञात इतिहास नहीं है और यह केवल एक मिथक है।

दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास में हाल ही में हुए ओणम उत्सव समारोह में मुरलीधरन ने कहा कि कोई नहीं जानता कि महान राजा महाबली उत्सव से कैसे जुड़ गए।

सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में मुरलीधरन ने इस बात की ओर इशारा किया कि उस समारोह के एंकर ने महाबली को केरल पर शासन करने वाले राजा के रूप में उल्लेख किया था, लेकिन मंत्री ने कहा कि, ‘‘यह एक मिथक है।’’

मुरलीधरन ने कहा कि ओणम केरल में पिछली कई शताब्दियों से है और केरल में ओणम उत्सवों का उल्लेख पिछली तीन-चार शताब्दियों से है।

मुरलीधरन ने कहा, ‘‘लेकिन, यह महाबली से कैसे जुड़ गया, यह कोई नहीं जान पाया। क्योंकि ज्ञात इतिहास के अनुसार महाबली नर्मदा क्षेत्र में शासन करते थे। नर्मदा मध्य प्रदेश के पास कहीं होगा।’’

उन्होंने कहा कि महाबली के केरल पर शासन करने का कोई ज्ञात इतिहास नहीं है। उन्होंने कहा कि औपनिवेशिक शासन के चार-पांच शताब्दियों के दौरान इतिहास के कई पहलू ‘विकृत’ हो सकते हैं।

इस बीच, लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के संयोजक ई पी जयराजन ने शनिवार को मुरलीधरन पर निशाना साधा और केंद्रीय मंत्री की टिप्पणियों का मजाक उड़ाया। जयराजन ने पूछा, ‘‘वह कब से महाबली को लेकर विशेषज्ञ हो गए? क्या उनका जन्म महाबली के साथ हुआ था...’’ रियास ने कहा कि ओणम समारोह के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के लोग केरलवासियों की एकता से परेशान हैं।