कोच्चि (केरल): कांग्रेस ने बुधवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से व्यक्तिगत मुलाकात करने के लिए हमला बोला और कहा कि खान का संवैधानिक कार्यालय प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के अधीनस्थ हो गया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ, जब किसी राज्य के राज्यपाल ने किसी संगठन के प्रमुख से जाकर मुलाकात की हो।

रमेश ने आज कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के पहले और दूसरे चरण के बीच के अंतराल के दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है जिसने आजादी के बाद दशकों तक भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया था।

खान और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के बीच की तकरार के संदर्भ में रमेश ने दावा किया कि यह ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ से लोगों का ध्यान भटकाने के मकसद से की जा रही एक "बनावटी लड़ाई" है जिसे बड़े पैमाने पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया मिल रही है।

रमेश ने आरोप लगाया कि राज्यपाल और केरल की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ‘‘एक ही सिक्के के दो पहलू’’ हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, “भारत जोड़ो यात्रा को जनता से मिल रही प्रतिक्रिया से राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केरल में माकपा परेशान, चिंतित और घबराहट में हैं।’’ उन्होंने दावा किया, "राज्यपाल और केरल के मुख्यमंत्री के बीच की तकरार एक बनावटी लड़ाई है जिसका मकसद यात्रा से ध्यान हटाने के लिए खबरें पैदा करना है।" उन्होंने आरोप लगाया कि यहां माकपा का उद्देश्य पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तरह भाजपा को मजबूत करना और कांग्रेस को कमजोर करना है।

रमेश ने कहा कि राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है, लेकिन इसे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अधीनस्थ बना दिया गया है। उन्होंने कहा, "ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि किसी राज्य के राज्यपाल ने किसी संगठन या उसके प्रमुख से जाकर मुलाकात की हो।’’

खान ने पिछले दिनों त्रिशूर में मोहन भागवत से मुलाकात की थी जब आरएसएस प्रमुख त्रिशूर की यात्रा पर थे। रमेश इसी मुलाकात के संदर्भ में टिप्पणी कर रहे थे।

गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के संबंध में, रमेश ने फिर दोहराया कि पार्टी छोड़ने वाले हर एक व्यक्ति द्वारा निभाई जा रही जिम्मेदारी लेने के लिए 20 और लोग तैयार हैं जो अनुभवी, अधिक प्रतिबद्ध और कांग्रेस की विचारधारा के प्रति समर्पित हैं।

उन्होंने कहा कि आजाद जैसे लोग "व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा" के लिए पार्टी को "धोखा" देते हैं और असम के मुख्यमंत्री तथा गोवा के आठ विधायक जैसे अन्य लोग केंद्रीय एजेंसियों की जांच से बचने के लिए भाजपा की वाशिंग मशीन से साफ होना चाहते हैं।



उन्होंने कहा, "इसलिए मुझे कांग्रेस छोड़ने वालों को लेकर चिंता नहीं है। जहां तक ​​मेरा सवाल है, वे प्रवासी मजदूर थे और उनके बाहर जाने से ही पार्टी मजबूत होती है। यह नियमित पलायन नहीं है। वे कुछ असंतुष्ट तत्व हैं।"

रमेश ने कहा कि दिन की यात्रा के दो चरणों के बीच के अंतराल के दौरान, राहुल गांधी आईटी उद्योग और कारोबारियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी 22 सितंबर को यहां अंगमाली में एडलक्स इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में यात्रा के संबंध में प्रेस को संबोधित करेंगे।

रमेश ने कहा कि बृहस्पतिवार को, राहुल के सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, बैंकों, श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों आदि के साथ बातचीत करने की भी उम्मीद है क्योंकि "(नरेंद्र) मोदी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम अपने मित्रों को बेच रहे हैं।"