अलाप्पुझा (केरल): कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि सद्भाव के बिना कोई प्रगति नहीं है, प्रगति के बिना कोई रोजगार नहीं है और बिना रोजगार के कोई भविष्य नहीं है।

गांधी ने यहां के निकट वंदनम में पार्टी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के रविवार को समापन के दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अपना हमला जारी रखा और दावा किया कि भाजपा देश को धार्मिक और भाषाई आधार पर विभाजित कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के करीबी गिने-चुने व्यवसायी अपने व्यवसाय पर एकाधिकार कर सकते हैं लेकिन एक आम आदमी को अभी भी कर्ज नहीं मिल पा रहा है।

गांधी ने केरल में वाममोर्चा सरकार की भी आलोचना की और कहा कि अवैज्ञानिक तरीके से बनाई गई सड़कें लोगों के पीठ दर्द का कारण बन रही हैं। उन्होंने कहा कि अलप्पुझा के अस्पतालों में ट्रॉमा देखभाल सुविधाओं में सुधार की जरूरत है।

गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘‘अलप्पुझा ने मुझे कुछ नया दिखाया है - कुट्टनाड खेती की एक झलक, धान की खेती की तकनीक। कुट्टनाड के किसानों, जिनसे मैं आज मिला, पर्यावरण परिवर्तन तथा राज्य और केंद्र सरकार के असंवेदनशील रवैये से प्रभावित हैं। उन्हें उम्मीद हैं कि मेरी यात्रा से उन्हें मदद मिलेगी और उनकी समस्याएं सामने आयेंगी। रबर किसानों को भी यात्रा से इसी तरह की आशाएं और अपेक्षाएं हैं।’’

उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जिस घर में भाई-भाई आपस में लड़ते हैं, वहां तरक्की नहीं हो सकती और यही भाजपा हमारे देश के साथ कर रही है। वे दो या तीन बहुत अमीर लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।’’

गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के करीबी कुछ व्यवसायी किसी भी व्यावसायिक क्षेत्र में एकाधिकार कर सकते हैं। अगर वे सड़कें, बंदरगाह, हवाई अड्डे, कुछ भी चाहते हैं जिस पर वे एकाधिकार करना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का दावा है कि आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी, आम लोगों के सामने आने वाली समस्याओं को एक सेकंड के भीतर हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, मैं अपने लोगों से झूठ नहीं बोलना चाहता। ये जटिल मुद्दे हैं और यदि हमारा देश विभाजित है तो इनका समाधान नहीं किया जा सकता है। नफरत से न कभी सड़कें ठीक होंगी, न बेरोजगारी दूर होगी और न ही आवश्यक वस्तुओं के दाम कम होंगे।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि केरल की खूबसूरत भूमि से गुजरना, इसकी समृद्ध विविधताओं को देखना एक सीखने जैसा अनुभव था।

गांधी ने बालू-खनन से प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की, जो 466 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘466 दिन के विरोध के दौरान हर दिन अनिश्चितता की स्थिति रही कि क्या उनकी जमीन, जीवन और आजीविका आने वाले समय में बेहतर होंगी। इन सभी लोगों के लिए मैंने चलने का संकल्प लिया है। इसका लक्ष्य उन्हें एक आवाज और उम्मीद देना है। यह उस चीज के लिए लड़ना है जिसके वे वास्तव में हकदार हैं।’’

यात्रा अब तक 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है। यह कल सुबह अलप्पुझा जिले के पुन्नपरा से फिर से शुरू होगी।

गांधी की एक झलक पाने के लिए महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोग सड़क के दोनों ओर उमड़ पड़े।

गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में उनसे मिलने आए लोगों की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, ‘‘ये सिर्फ तस्वीरें नहीं हैं, ये देश के प्रत्येक नागरिक की भावनाएं हैं, उनकी आशा की, उनकी एकता, उनकी ताकत और उनके प्यार की।’’

एक लड़की ने उन्हें अपना बनाया हुआ एक चित्र भी भेंट किया। गांधी ने उन साइकिल चालकों से भी बातचीत की, जिनसे वे रास्ते में मिले।

लोग गांधी से बात करने और उन्हें गले लगाने के लिए दौड़ पड़े। गांधी को लोगों की समस्याओं को गौर से सुनते और चर्चा करते हुए देखा गया।

गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सद्भाव के बिना कोई प्रगति नहीं है। प्रगति के बिना कोई रोजगार नहीं है। नौकरियों के बिना कोई भविष्य नहीं है। बेरोजगारी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ निराशा की आवाजों को एकजुट कर रही है।’’

रमेश चेन्नीथला, के. मुरलीधरन, कोडिकुन्निल सुरेश, के. सी. वेणुगोपाल और वी. डी. सतीशन सहित कई वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ यात्रा कर रहे थे।

यात्रा में शामिल लोग कार्मेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पुन्नपरा में रुकेंगे, जो 3.4 किलोमीटर की दूरी पर है।

कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 150 दिनों में पूरी होगी और इसके तहत 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। पदयात्रा सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी।

दस सितंबर की शाम को केरल में प्रवेश करने वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ एक अक्टूबर को कर्नाटक में प्रवेश करने से पहले सात जिलों से होकर गुजरेगी। यात्रा 450 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए राज्य (केरल) के विभिन्न हिस्सों से गुजरेगी।