देहरादून, 24 अप्रैल (हि.स.)। भगवान महावीर स्वामी के 2623वें जन्म कल्याणक महोत्सव के अवसर पर बुधवार को क्षुल्लकरत्न 05 समर्पण सागर महाराज के सानिध्य में पालकी यात्रा जैन भवन (जैन धर्मशाला) से निकाली गयी। पालकी यात्रा में भक्तगण पालकी में भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा को विराजमान कर भक्तिभाव के साथ झूमते गाते बड़े आनंद के साथ गली गली भगवान के जयकारों के साथ पहुंचे। पालकी यात्रा का समापन झंडा बाजार स्थित पार्श्वनाथ जैन मंदिर पर संपन्न हुई।

इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए महाराज समर्पण सागर ने कहा कि महावीर की प्रमुख शिक्षाएं अथवा जैन धर्म के प्रमुख नियम सत्य जानने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक स्त्री व पुरुष को अपना घर छोड़ देना चाहिए। उन्हें अहिंसा के नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए अर्थात् किसी भी जीव को न तो कष्ट देना चाहिए और न ही उसकी हत्या करनी चाहिए। सभी जीव जीना चाहते हैं। जियो और जीने दो।

जैन भवन मंत्री संदीप जैन ने कहा कि पालकी यात्रा मे सभी की भक्ति देखते नहीं बनती थी सभी भक्ति भाव के साथ इस यात्रा में शामिल हुए, जिसमें समाज के शेष सदस्य सफेद वस्त्रों और महिला वर्ग पीली साड़ियों में नृत्य करते हुए इस यात्रा की शोभा को बढ़ा रहे थे। बैंड की मधुर ध्वनियों पर संगीत लहरिया बिखर रही थीं। नगर में कई स्थानों पर श्रद्धालुओं द्वारा पालकी यात्रा का पुष्प वर्षा के साथ जोरदार स्वागत किया।

पालकी यात्रा में उत्सव समिति संयोजक संदीप जैन,अजित जैन, जिनेन्द्र कुमार जैन, सुनील जैन, अमित जैन,सनत जैन, अनुज जैन, अंकित जैन, विशाल जैन, संजीव जैन, मीडिया प्रभारी मधु जैन, मोनिका जैन, सिम्मी जैन, रत्नप्रभा जैन, इंद्रा जैन, आदि बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज