ऋषिकेश 20 मार्च (हि.स.)। भारतीय वन्यजीव संस्थान और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तत्वाधान में चल रही, गंगा प्रहरी कॉनक्लेव के सत्र में गंगा प्रहरियों ने दूसरे दिन देवप्रयाग के संगम पर गंगा जमुना अलकनंदा के जल का मौके पर अवलोकन किया।

बुधवार को डेनमार्क के एम्बेसडर महामहिम फ्रेडी स्पेन, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पूर्व महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने गंगा प्रहरियों के कैडर द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पहाड़ों से निकलने वाली सभी नदियां अपनी पवित्रता को लेकर पूरी दुनिया में अलग पहचान रखती हैं। इसीलिए गंगा को मां का दर्जा दिया गया है बाकी कहीं भी दुनिया में किसी भी नदी को मां का दर्जा नहीं मिला है। गंगा एक नदी ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारतवासियों को अपनी संस्कृति का भी संदेश दे रही हैं। किसानों को खेती के लिए पानी और मनुष्य के लिए पीने का शुद्ध पानी भी उपलब्ध करा रही है।



इस दौरान मिश्रा ने गंगा प्रहरियों के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। इस दौरान एम्बेसडर ने कहा कि यदि हम गंगा को संरक्षित करते हैं तो संपूर्ण पृथ्वी को संरक्षित सुनिश्चित करते हैं। गंगा प्रहरी बहुत पवित्र और महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं और इस कार्य को देखने के लिए मैं फील्ड में जाना चाहूंगा। विनोद मिश्रा, जेपीशुक्ला, गंगा नंदिनी ने गोमुख से लेकर गंगासागर तक बाहरी गंगा पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि इन नदियों में विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के जीव जंतु भी पल रहे हैं जो की गंगा को स्वच्छ रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो कि मनुष्य के लिए एक आजीविका का साधन भी बने हैं।

बुधवार को प्रतिभागियों को देवप्रयाग संगम क्षेत्र का भ्रमण कराया गया। यहां पर उन्हें केवल गंगाजल से आरती के महत्व और पूजा सामग्री नदी में प्रवाहित न करने के लिए स्थानीय पुजारी ने बताया। साथ ही प्रतिभागियों ने संगम स्थल के सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त की और गंगा नदी के बनने के स्थान पर नदी के जल की स्थिति के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।



हिन्दुस्थान समाचार/विक्रम/सत्यवान/रामानुज