वाराणसी, 06 नवम्बर (हि.स.)। बीएचयू और आईआईटी बीएचयू के बीच दीवार के प्रस्ताव के विरोध में छात्रों के साथ आमजन की लामबंदी देख भले ही बीएचयू और आईआईटी प्रशासन यू टर्न लेकर बैकफुट पर हो लेकिन छात्रों का आंदोलन थम नहीं रहा। सोमवार को अपराह्न में बीएचयू परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर के पास छात्रों के साथ पूर्व छात्र भी बढ़ी संख्या में बीएचयू बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले जुटे।

यहां से ‘हम बीएचयू के लोग’ का बैनर और हाथों में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की तस्वीर लेकर नारेबाजी करते हुए हजारों छात्रों ने मालवीय भवन तक पदयात्रा की। इस दौरान परिसर में सुरक्षा की व्यवस्था चौकस रही। जुलूस में शामिल छात्रों ने कहा कि महामना के मानस पुत्र कभी भी विश्वविद्यालय का विभाजन बर्दाश्त नहीं करेंगे। वाराणसी के कमिश्नर और बीएचयू के कुलपति को इस प्रकरण पर अपनी राय साफ करनी चाहिए। यदि विश्वविद्यालय प्रशासन इस बारे में सोच रहा है तो उसे तत्काल फैसला वापस लेना चाहिए। छात्रों ने बीएचयू आईआईटी की छात्रा के कपड़े उतारकर छेड़खानी करने वाले आरोपितों की गिरफ्तारी की भी मांग की। विरोध प्रदर्शन में छात्रों के साथ विश्वविद्यालय के कर्मचारी और पूर्व प्रोफेसर भी शामिल रहे।

बीएचयू परिसर के विभाजन के निर्णय को वापस लेना स्वागत योग्य कदम : अभाविप



अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बीएचयू इकाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा परिसर के विभाजन के निर्णय को वापस लेने के निर्णय का स्वागत किया है। परिषद ने पुलिस प्रशासन से आईआईटी बीएचयू की छात्रा के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जांच को तेज़ कर दोषियों को सजा देने की मांग भी किया है। परिषद ने कहा कि इस मामले में दोषियों को जल्द चिन्हित कर ऐसी कार्रवाई की जाए जिससे समाज में सख्त संदेश जाए एवं भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। अभाविप का यह स्पष्ट मत है कि सम्पूर्ण परिसर की सुरक्षा का समाधान परिसर का विभाजन करना नहीं अपितु सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करना तथा बाहरी अराजक तत्वों पर सख्ती करने से होगा। अभाविप कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था संबंधित जो भी मांगे रखी गईं थी। विश्वविद्यालय एवं बीएचयू आईआईटी प्रशासन ने वह सभी मांगें मान ली हैं। उन पर क्रियान्वन भी प्रारंभ कर दिया है। परिषद के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं बीएचयू इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि बीएचयू प्रशासन द्वारा परिसर विभाजन के निर्णय बदलने से छात्र काफी संतुष्ट हैं। हमारा स्पष्ट मत था कि परिसर विभाजन का निर्णय उचित नहीं था। अभाविप ने प्रदर्शन कर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था सुदृण करने के लिए कई सुझाव एवं मांग विश्वविद्यालय प्रशासन से की थी जो की शत प्रतिशत मान ली गई है। इसमें सीसीटीवी से लेकर सुरक्षाकर्मियों की बढ़ोतरी एवं बाहरी अराजक तत्वों पर लगाम लगाने की मांग शामिल है।