मीरजापुर, 22 अप्रैल (हि.स.)। अधूरी सड़कों के निर्माण को पूर्ण दिखाकर भुगतान किए जाने के मामले में लोक निर्माण विभाग के तीन अभियंताओं के खिलाफ मुकदमा चलेगा। न्यायालय ने पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अवर अभियंता के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है। इन्होंने काम के सत्यापन के बिना ठेकेदार को भुगतान किया था।

विंध्याचल थाना क्षेत्र के देवरी गांव निवासी अंशुमान सिंह ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दाखिल किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सुनील दत्त, सहायक अभियंता सुशील मौर्या तथा अवर अभियंता संतोष कुमार ने चिदलिख से टेढ़वा तथा मल्लेपुर यादव बस्ती संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए आवंटित धनराशि का कार्य कराए बगैर भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया है।

उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत विभागीय उच्चाधिकारियों तथा जिलाधिकारी से की गई। जिलाधिकारी तथा प्रमुख अभियंता के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने पिछले 26 जनवरी को निरीक्षण कर मामले की जांच कर आख्या प्रस्तुत की, जिसमें गलत कागजात तैयार कर सरकारी धन के गबन का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।

रिपोर्ट में कहा गया कि ठेकेदार ने काम कराए बगैर प्रथम और अंतिम देयक का भुगतान कराया है, जबकि कार्य अधूरा है। न्यायालय ने सरकारी धन के गबन को लेकर शहर कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है।

शहर कोतवाल बालमुकुंद मिश्र ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता तथा अवर अभियंता के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित