उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री सीबी गुप्ता को उपचुनाव में महिला प्रत्याशी ने दिया था झटका

When a woman gave a big blow to former UP CM


हमीरपुर, 13 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सीबी गुप्ता को यहां हमीरपुर जिले में एक सीट के उपचुनाव में महिला प्रत्याशी से पराजय का सामना करना पड़ा था। उन्हें कुछ हजार मतों के अंतर से एक वीरांगना महिला ने हराया था। एन वक्त पर उपचुनाव के मतदान से कुछ ही घंटे पहले एक छोटी सी अफवाह उड़ाए जाने से सीबी गुप्ता के चुनावी समीकरण बिगड़ गए थे। चुनाव हारने के बाद वह फिर हमीरपुर नहीं आए थे।



बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में शुरुआत के दिनों में कई वीवीआईपी लोगों ने चुनाव जीतने के लिए यहां डेरा डाला लेकिन उन्हें मतदाताओं ने ठेंगा दिखाते हुए स्थानीय प्रत्याशी पर भरोसा जताया। प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे सीबी गुप्ता को भी यहां के मतदाताओं ने एक फर्जी अफवाह में तगड़ा झटका दिया था, इसीलिए यहां का इलाका विकास के नए आयाम आज तक हासिल नहीं कर सका।

लोकतंत्र सेनानी देवी प्रसाद गुप्ता ने बताया कि हमीरपुर जिले में मौदहा विधानसभा की सीट के लिए 1958 में उपचुनाव कराए गए थे। उस समय सीबी गुप्ता (चन्द्रभानु गुप्त) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ यहां चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया था। चुनावी महासमर में उन्होंने लोगों से वोट मांगें। समर्थकों ने भी उपचुनाव जीतने के लिए दिन रात मेहनत की थी लेकिन राठ क्षेत्र के दीवान शत्रुघ्र सिंह की पत्नी राजेन्द्र कुमारी ने सीबी गुप्ता को इस उपचुनाव में पराजित कर दिया था। राजेन्द्र कुमारी पहली बार चुनाव मैदान में आई थीं लेकिन मुख्यमंत्री सीबी गुप्ता के खिलाफ ऐसी अफवाह उड़ी की चुनावी समीकरण ही बदल गए। उन्हाेंने बताया कि मतदान से कुछ घंटे पहले किसी ने यह अफवाह उड़ाई कि चुनाव जीतने पर रानी का डोला मुख्यमंत्री ले जाएंगे। बस इस अफवाह में मुख्यमंत्री के चुनावी समीकरण हवा में उड़ गए।



फर्जी अफवाह से मुख्यमंत्री रहते बुरी तरह हारे थे सीबी गुप्ता

हमीरपुर जिले के मौदहा विधानसभा की सीट के उपचुनाव में मुख्यमंत्री रहते सीबी गुप्ता को बड़ी किरकिरी हार हुई थी। उन्हें 25540 मत मिले थे जबकि राजेन्द्र कुमारी ने 32406 मत लेकर इस सीट पर कब्जा किया था। सीबी गुप्ता 6866 मतों के अंतर से हारे थे। एक अफवाह के चलते चुनाव हारने के बाद वह फिर दोबारा हमीरपुर कभी नहीं आए थे। लोकतंत्र सेनानी देवी प्रसाद गुप्ता व सलाहुद्दीन ने बताया कि मुख्यमंत्री रहते सीबी गुप्ता ने चुनाव में बड़ी ताकत झोंकी थी। चुनावी समीकरण भी उनके पक्ष में बन गए थे लेकिन उपचुनाव के मतदान से कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस के कुछ लोगों ने ऐसी अफवाह फैलाई कि लोग बिना सोचे समझे ही राजेन्द्र कुमारी के समर्थन में मतदाता लामबंद हो गए थे।



उपचुनाव में प्रचार को समर्थकों को बांटी गई थी साइकिलें

बुजुर्ग समाजसेवी एवं पूर्व प्रधान बाबूराम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सीबी गुप्ता ने उपचुनाव जीतने के लिए बड़ी मेहनत की थी। उनके समर्थकों को गांवों में चुनाव प्रचार करने के लिए साइकिलें बांटी गई थीं। कार्यकर्ताओं की टोलियां साइकिलों से बीहड़ के बसे गांवों में सीबी गुप्ता के लिए वोट मांगने जाते थे। बड़े नेताओं ने भी चुनावी समीकरण बनाने के लिए नुक्कड़ सभाएं की लेकिन यहां के लोगों ने उन्हें ठेंगा दिखा दिया था।

बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र सुनील शास्त्री भी 1996 में लोकसभा चुनाव में जमानत नहीं बचा सके थे। उनके बाहरी होने के कारण जनता ने उन पर भरोसा नहीं किया था। इसीलिए यह क्षेत्र आज भी पिछड़ा है।



हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/मोहित