मां विंध्यवासिनी के स्कंदमाता स्वरूप का भक्तों ने दर्शन कर नवाए शीश

Devotees had darshan of Skandamata form of Maa Vindhy


- नवरात्र की पंचमी तिथि पर विंध्यधाम में दर्शन-पूजन के लिए लगी रही कतारें

मीरजापुर, 13 अप्रैल (हि.स.)। चैत्र नवरात्र के पांचवें दिन शनिवार को भोर से ही आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी का दरबार जयकारे से गूंज उठा। भोर से ही भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। मंदिर पहुंचे भक्तों ने मां विंध्यवासिनी के स्कंदमाता स्वरूप की विशेष आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना की।

विंध्य कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद पड़े पहले नवरात्र के पांचवें दिन देवी धाम पहुंचे श्रद्धालु माता के दरबार की दिव्य और अलौकिक छटा देख भाव विभोर रहे। रंग-बिरंगे झालरों, पुष्प-पत्तियों और रंगीन चुनरी से देवी धाम की सजावट देखते ही बन रही थी। शनिवार की भोर में माता की भव्य मंगला आरती के बाद से दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया। कतारों में खड़े श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी की भक्ति में डूबे नजर आए। देवी के दर्शन-पूजन के लिए आए श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिला। मां विंध्यवासिनी के गुड़हल, कमल, गुलाब पुष्प, रत्नजड़ित आभूषणों से हुए दिव्य श्रृगार का दर्शन पाकर श्रद्धालु निहाल हो उठे। शहनाई, शंख और ढोल-नगाड़े की ध्वनि के साथ जयकारे से शक्ति धाम गूंजता रहा।

गंगा घाटों पर स्नान के लिए भीड़ दिखी। परिक्रमा पथ की छत पर साधक वैदिक मंत्रों के बीच पूजन-अनुष्ठान में तल्लीन नजर आए। शहनाई और नगाड़े की धुन पर लोग बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराते रहे। विंध्याचल में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए श्रीविंध्य पंडा समाज के पदाधिकारी और सदस्य लोगों की सेवा में जुटे रहे।

विंध्य कॉरिडोर परिसर में प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। धाम क्षेत्र में जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात रहे। मंदिर में विराजमान अन्य देवी-दवताओं की सुरक्षा व्यवस्था के साथ ही श्रद्धालुओं को लाइन में दर्शन कराने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए थे।

अष्टभुजा पहाड़ पर विराजमान देवी मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। काली खोह स्थित महाकाली के दर्शन-पूजन कर श्रद्धालुओं ने मंगल कामना की। अष्टभुजी देवी के धाम में पहुंचे भक्तों ने मत्था टेक कर सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर परिसर में माता के जयकारे के साथ ही घंटाें की गूंज भी निरंतर गूंजती रही।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित