अमरावती: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मानव संसाधन की बढ़ती कमी को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना समय की जरूरत है।

नायडू ने कहा कि कोरोना वायरस बीमारी इस संबंध में फिर से याद दिलाने आयी है।

उपराष्ट्रपति ने यहां चिना अवुतपल्ली में पिन्नामनेनी-सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज में 1,200 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने के बाद मेडिकल छात्रों के साथ संवाद करते हुए कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के अलावा डॉक्टरों और अन्य मेडिकल और पैरा-मेडिकल कर्मियों की संख्या बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है।

नायडू ने कहा, ‘‘भारत सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सिफारिशों के अनुरूप वर्ष 2024 तक डॉक्टर-मरीजों के अनुपात को 1:1,000 तक सुधारने का प्रयास कर रही है। साथ ही, अगले 4-5 वर्षों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए आयुष्मान भारत के तहत भी कदम उठाए जा रहे हैं।’’

उन्होंने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

नायडू ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य देखभाल एक महंगा मामला बन गया है, जो गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए दिक्कतें पैदा कर रहा है। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि स्वास्थ्य सेवा किफायती और सभी के लिए सुलभ हो। निजी क्षेत्र को सरकार के प्रयासों को मजबूत करने के लिए इस संबंध में हाथ मिलाना चाहिए।’’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि टेलीमेडिसिन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए। इससे लागत पर अंकुश लगेगा और ग्रामीणों की पहुंच बुनियादी स्वास्थ्य सेवा तक हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन बहुत उपयोगी साबित हो सकता है। नायडू ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कोविड के बाद आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो रही हैं, लेकिन साथ ही इसको लेकर आगाह भी किया कि सभी आवश्यक सावधानी बरतने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘गैर-संचारी रोग भी हाल के दिनों में बढ़ रहे हैं। इस तरह की बीमारियों से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव, योग और ध्यान किया जाना जरूरी है।’’

स्थानीय विधायक वी वामसी, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के. श्रीनिवास, सिद्धार्थ अकादमी के अध्यक्ष एन वेंकटेश्वरलू और अन्य इस मौके पर उपस्थित थे।