चामराजनगर (कर्नाटक): राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने  कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण की उम्मीद तभी पूरी हो सकती है जब देश की प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच एक साथ हो।

कोविंद ने स्वास्थ्य सेवाओं को देश के सुदूर कोनों तक ले जाने की जरूरत पर जोर दिया। वह यहां चामराजनगर आयुर्विज्ञान संस्थान (सीआईएमएस) के नवनिर्मित शिक्षण अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

संस्थान के आसपास के घने जंगली इलाके और इसमें बड़ी संख्या में रहने वाले अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोगों का जिक्र करते हुए कोविंद ने संस्थान के प्रशासन तथा राज्य सरकार से आग्रह किया कि आसपास के लोगों को किफायती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाये जाएं।

उन्होंने कहा कि यह देश की चिकित्सा सेवाओं के विस्तार के वास्तविक उद्देश्य के अनुरूप होगा।

कोविंद ने कहा कि नये परास्नातक चिकित्सा संस्थान बन रहे हैं, मौजूदा स्नातकोत्तर संस्थानों को भी उत्कृष्टता केंद्र बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। लेकिन बिना मानव संसाधन के इस अवसंरचना के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे पास मजबूत आपूर्ति तंत्र नहीं होगा तो समस्त प्रौद्योगिकी अनुपयोगी हो जाएगी। हम आत्मनिर्भर भारत बनाने की आशा तभी कर सकते हैं जब हमारी प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच एक साथ हों।’’

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और अन्य गणमान्य लोग समारोह में उपस्थित थे।