माता वैष्णो देवी को नौ के बजाय सात बार पोशाक धारण करवाई जाएगी

Mata Vaishno Devi will be dressed seven times instead
 

जयपुर, 9 अप्रैल (हि.स.)। राजापार्क पंचवटी सर्किल स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में इस बार माता को नौ के बजाय सात बार पोशाक धारण कराई जाएगी। नवरात्रे में छह से आठ महीने की बुकिंग पोशाक के लिए रहती है। देश के विभिन्न शहरों से श्रद्धालु स्पेशल लहंगा चढ़ाने के लिए मंदिर पहुंचते हैं। बीते चौदह साल से माता की पोशाक का जिम्मा भक्तों के पास है। मंगलवार को चैत्र नवरात्रि के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर माता के दरबार में भक्तों का मेला लगा हुआ है।

जानकारी के अनुसार 20 जून 2004 को मंदिर की स्थापना हुई थी। उस समय एक दिन में दो बार माता को साड़ी पहनाई जाती थी। इसके बाद यह सिलसिला बढ़ता गया। बीते चौदह साल से माता की पोशाक का जिम्मा भक्तों के सहारे हैं। वेष्णोदेवी सेवा समिति की ओर से ओर एक भी पोशाक अब तक अर्पित नहीं की गई। लाखों साड़िया आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों को शादी के अलावा अन्य भक्तों को प्रसाद के रूप में जाती है। गुजियां व नारियल का प्रसाद चढ़ता है। मां की प्रतिमा शिला पर है। यह मूर्ति महिषासुर मर्दिनी के रूप में बनी हुई है। मूर्ति में देवी महिषासुर को एक पैर से दबाकर दाहिने हाथ के त्रिशूल से मार रही है। चांदी के मुख्य द्वार पर मां के अलग अलग रूप के चित्र दर्शन हैं। मूर्ति की खासियत है कि दक्षिणमुखी आदमकद माता की मूर्ति कटरा स्थित वैष्णोदेवी की तरह हुबहू है।



प्रवक्ता कमलेश आसुदानी ने बताया कि नवरात्रे में रोजाना पांच-पांच हजार भक्तों के लिए हलवा, चना और पूड़ी का प्रसाद सुबह शाम बांटा जाएगा। नवरात्रे में लगभग 15 हजार से अधिक भक्त दर्शन करेंगे। मंदिर खुलने का समय सुबह 6.30 बजे से 12 बजे और शाम 5.30 बजे से 10 बजे तक रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर