जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य के 15 जिलों में पशुओं में लम्पी चर्म रोग फैल चुकी है। अब हमारी प्राथमिकता यह है कि इस बीमारी को और अधिक जिलों में फैलने से रोका जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्पी चर्म रोग की रोकथाम के लिए सभी जिला कलेक्टर जरूरत पड़ने पर बिना टेंडर दवाईयां खरीदने के आदेश जारी किए जा चुके हैं और युद्धस्तर पर इस महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबन्ध करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ पशुओं में फैल रहे लम्पी बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए कार्य कर रही है और प्रशासन की त्वरित क्रियाशीलता के चलते संक्रमण एवं मृत्यु दर में कमी आई है।

गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित लम्पी चर्म रोग बीमारी की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सांसद, सभी जिलों के प्रभारी मंत्री, विधायकगण, सभी जिला कलेक्टर, गौशाला प्रबंधक, पशुपालक, सरपंच, वार्ड पंच, स्थानीय निकायों के महापौर, चैयरमेन, पार्षद आदि जुड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को मिलकर गोवंश में फैली इस बीमारी का सामना करना है।

उन्होंने कहा कि लम्पी चर्म रोगी मृत पशुओं के निस्तारण के संबंध में जिला कलेक्टर को दिशा-निर्देश जारी किए जाएं और सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किए जा चुके हैं।

उन्होंने आयुर्वेद विभाग से सुझाव लेकर देशी उपचार के गाइडलाइन जारी करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए।

उन्होंने कहा कि गौशालाओं की साफ-सफाई, सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव, फॉगिंग तथा जेसीबी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।

उन्होंने कहा कि दवाइयों की कोई कमी नहीं आने दी जा रही है, टीकों का परीक्षण जारी है तथा विकल्प के रूप में गोट पॉक्स के टीकों का उपयोग किया जा रहा है।

केन्द्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने विश्वास दिलाया कि राज्य को पूरी मदद दी जाएगी।