जोधपुर, 16 मार्च (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने पत्नी को जहर देकर मारने के आरोपित पीपाड़ शहर निवासी हरीश कुमार जाजड़ा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

परिवादी हरीश चंद्र सांखी ने 23 नवम्बर 2023 को एक रिपोर्ट पुलिस थाना महिला ( ग्रामीण) में इस आशय की दर्ज करवाई कि उसकी पुत्री मीनाक्षी की शादी सन 2009 में आरोपित हरीश कुमार के साथ की थी, उसके एक पुत्री झलक एवं पुत्र जागृत पैदा हुए, जो क्रमश: 12 वर्ष व 10 वर्ष के हैं। शादी के बाद से ही मीनाक्षी के पति, सास एवं ससुर ने दहेज की मांग को लेकर उसे शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया। 19 व 20 नवम्बर 2023 की रात्रि में उसके सुसराल वालों ने उसे जान से मारने के लिए जहर दे दिया। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने पति व सास संतोष को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया।



आरोपित के अधिवक्ता ने जमानत याचिका पर बहस करते हुए तर्क दिया कि घटना के तीन दिन बाद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई हैं। मीनाक्षी ने शादी के 14 वर्ष पश्चात सुसाइड नोट लिखकर स्वेच्छा से आत्महत्या की थी, सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया हैं, उन्होंने कहा कि मीनाक्षी के पुत्र व पुत्री के पुलिस एवं कोर्ट में हुए बयानों से स्पष्ट हैं कि आरोपित अथवा अन्य किसी ससुराल वालों द्वारा मीनाक्षी को कभी भी तंग-परेशान नहीं किया गया था, उन्होंने कहा कि आरोपित आठ दिसम्बर 2022 से अभिरक्षा में हैं इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए। जबकि मीनाक्षी के पिता के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने तर्क दिया कि सुसाइड नोट के अवलोकन से साफ जाहिर होता हैं कि मीनाक्षी के साथ मारपीट करके जबरदस्ती सुसाइड नोट लिखवाया गया हैं, उन्होंने यह भी तर्क दिया कि दोनों बच्चे आरोपित पक्ष की अभिरक्षा में हैं इसलिए बच्चों ने आरोपित पक्ष के दबाव में आकर बयान दिए हैं, जिन पर कतई विश्वास नहीं किया जा सकता हैं इसलिए आरोपित की जमानत खारिज की जावें। दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने आरोपित के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।



हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप