जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीकर के खाटूश्याम जी मंदिर में मची भगदड़ की घटना को  दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

गहलोत ने कहा कि राजस्थान के धार्मिक स्थल पूरे देश में आस्था के केंद्र हैं और सालाना उत्सवों एवं मेलों के अलावा भी यहां धार्मिक स्थलों में हर माह राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु आते हैं। गहलोत ने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को धार्मिक स्थलों और इनके आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

गहलोत ने राज्य में विभिन्न स्थानों पर मेलों एवं त्यौहारों में सुरक्षा प्रबंध के संबंध में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में निर्देश दिया कि जिला प्रशासन धार्मिक न्यास के पदाधिकारियों और धर्मगुरुओं के साथ नियमित रूप से बैठकें कर सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा करे, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना की आशंका को टाला जा सके।

सीकर जिले के प्रसिद्ध खाटू श्याम जी मंदिर के बाहर सोमवार तड़के भगदड़ मचने से तीन महिलाओं --शांति देवी, माया देवी और कृपा देवी (जयपुर) की मौत हो गई। यह भगदड़ तब मची, जब कतार में इंतजार कर रहे श्रद्धा्धालुओं ने मंदिर के पट खुलने पर प्रवेश द्वार में एक साथ घुसने का प्रयास किया। इस घटना में चार अन्य घायल हो गये। राजस्थान और पड़ोसी राज्यों के हजारों लोग एकादशी के पावन पर्व पर प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जिला प्रशासन के अधिकारी मेलों से पूर्व और मेलों के दौरान व्यवस्थाओं का लगातार निरीक्षण करें।

गहलोत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि मेहरानगढ़ स्थित मंदिर में 2008 में मची भगदड़ के पीड़ित परिवारों की वर्तमान स्थिति जानी जाए और इसके लिए एक समिति गठित की जाए। इस भगदड़ में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।